सिराज है तो विश्वास है, मियां मैजिक ने द ओवल में इंग्लैंड को दिया ‘जख्म’
लॉर्ड्स में आखिरी गेंद पर आउट होने और रविवार को हैरी ब्रूक का कैच छोड़ने के बाद मोहम्मद सिराज की रात बेचैनी वाली थी। वह सोमवार को अपने निश्चित समय से दो घंटे पहले उठे और गूगल पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो की ‘बिलीव’ लिखी फोटो को खोजकर अपने मोबाइल का वॉलपेपर बनाया।
उन्होंने खुद से कहा कि मैं देश के लिए यह करूंगा। 56 मिनट और 53 गेंद बाद ओवल स्टेडियम में जब सिराज ने एटकिंसन को क्लीन बोल्ड करके दोनों हाथों को खोलकर रोनाल्डो की तरह ‘सीयू’ वाला जश्न मनाया तो गौतम गंभीर और शुभमन गिल की टीम छह रनों वाली ऐतिहासिक जीत के साथ सातवें आसमान पर पहुंच गई। सिराज ने आखिरी चार में से तीन, इस पारी में पांच, मैच में नौ और सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए।
अद्भुत है यह जीत
अंतिम दिन इंग्लैंड को सिर्फ 35 रन चाहिए थे लेकिन भारतीय दर्शकों को सिराज की ही तरह जीत का विश्वास था और इसी कारण सोमवार को छुट्टी लेकर आए भारतीयों ने ओवल स्टेडियम को भर दिया। प्रसिद्ध कृष्णा ने जैसे ही सुबह बची हुई चार गेंदों पर दो चौके खाए तो लगा कि सपना टूटने वाला है, लेकिन सिराज कुछ और ठानकर आए थे। अगले ओवर में उनकी गेंद पर जैसे ही जुरैल ने जेमी स्मिथ का कैच लपका तो भारतीय प्रशंसकों की हालत ऐसी हो गई जैसे वास्कोडिगामा को भारत का तट दिख गया हो। हालांकि अगली ही गेंद पर जब दूसरी स्लिप पर खड़े केएल राहुल ने एटकिंसन का कैच छोड़ा तो सबको लगा मैच छूट गया।
इंग्लैंड को सिर्फ 20 रन चाहिए थे और ओवल स्टेडियम में नार्थ सी की तरह ज्वार-भाटा आ रहा था। अपने निर्णयों के कारण भारतीय प्रशंसकों द्वारा लगातार आलोचना का शिकार हो रहे श्रीलंकाई अंपायर कुमार धर्मसेना ने देर से ही सही लेकिन ओवरटन को पगबाधा आउट दे दिया। रिव्यू में वह अंपायर कॉल निकली। तिरंगे लहराने लगे, गणपति बप्पा मोरिया और भारत माता का जयघोष होने लगा। अगली 18 गेंद पर सिर्फ तीन रन बने।
बढ़ता गया रोमांच
प्रसिद्ध ने टंग के तीनों डंडे उड़ा दिए। इंग्लैंड को 17 रन और भारत को एक विकेट चाहिए। हाथ में स्लिंग बांधकर वोक्स वह काम करने उतरे जो कभी 1984 में मैल्कम मार्शल ने किया था। एक गेंद बाद ही एटकिंसन ने लॉन्ग ऑन पर छक्का जड़ दिया तो लगा कि धड़कनों ने दिल का साथ देना छोड़ दिया। इंग्लैंड को मैच टाई करने और सीरीज जीतने के लिए सिर्फ छह रन की जरूरत थी लेकिन सिराज की नीची फुलटास एटकिंसन के बल्ले के नीचे से निकलकर लेग स्टंप उड़ा ले गई। पूरी भारतीय टीम खुशी से झूम पड़ी क्योंकि यह टेस्ट मैचों में उसकी सबसे करीबी लेकिन सबसे ज्यादा रोमांचक जीत है।
आंकड़ों में सीरीज
7187 रन बने इस सीरीज में, जो एक टेस्ट सीरीज में दूसरे सर्वाधिक रन हैं।
14 बार दोनों टीमों ने संयुक्त रूप से 300 से अधिक रन बनाए।
21 सर्वाधिक दोनों टीमों के बल्लेबाजों की ओर से व्यक्तिगत शतक लगाए गए।