
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर संभाग के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में पूर्वी बिहार और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मराठवाड़ा पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर दक्षिणी उत्तर प्रदेश तक एक द्रोणिका बनी हुई है।अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेश में वर्षा हो रही है। अगले 4 दिन तक हल्की बरसात का दौर जारी रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटे के दौरान 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई।
एक बार फिर शुरू होगा तेज बारिश का दौर
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मानसून की विदाई के दौरान भी पूरे प्रदेश में तेज बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है। फिलहाल 4 दिन तक तेज बारिश का अलर्ट नहीं है। हालांकि, गुरुवार को दो टर्फ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी प्रदेश में रही। इस वजह से कुछ जिलों में बारिश का दौर चला। शुक्रवार को सिस्टम कमजोर पड़ सकता है। जिससे तेज बारिश का दौर थम सकता है। इधर मानसून की वापसी भी होने लगी है। आधे राजस्थान से मानसून लौट चुका है। वहीं, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों से भी मानसून लौटा है। गुरुवार को भी कई जिलों से मानसून लौट गया। यदि वापसी ही यही रफ्तार रही तो एमपी के भी कई जिलों में ऐसी स्थिति बन सकती है।
मध्य प्रदेश में अब तक 43.2 इंच बारिश दर्ज
मध्यप्रदेश में अब तक औसत 43.2 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 35.8 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। इस सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और शाजापुर शामिल हैं।