सीएम नीतीश के 5 बड़े मास्टर स्ट्रोक, चुनावी साल में इन फैसलों से विपक्ष के तमाम मुद्दों की निकल गई हवा
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बिना शोर मचाए काम करते हैं। उनके काम करने की इस शैली को बिहार की जनता दो दशक से अपना समर्थन दे रही है। विपक्ष के नेता बहुत ज्यादा हल्ला मचाते हैं लेकिन जब आरजेडी को 15 साल सत्ता में रहने का मौका मिला था तो हर क्षेत्र में बिहार पिछड़ता चला गया था। 2005 में जब से नीतीश बाबू ने बिहार की बागडोर संभाली है तब से ही राज्य हर क्षेत्र में विकास की नई गाथा लिख रहा है। बहुत सधे अंदाज में लिए गए नीतीश बाबू के दूरदर्शी फैसलों से बिहार में रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और आधारभूत क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है।
इसके अलावा नीतीश बाबू ने 5 ऐसे मास्टर स्ट्रोक चले हैं जिससे बिहार की सियासी हवा बदल गई है। पेंशन में इजाफा, 125 यूनिट बिजली फ्री, लाखों सरकारी नौकरी के अवसर, जीविका दीदियों को मदद और पंचायत प्रतिनिधियों को तोहफा देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के आधार को मजबूती प्रदान की है। इन पांच बड़े फैसलों से करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव आ रहा है। अगर इसमें से आधे लोगों ने भी योजना का लाभ मिलने के बाद नीतीश बाबू के नेतृत्व में भरोसा जता दिया तो इसका परिणाम विपक्ष के लिए एक भयानक दु:स्वप्न से कम नहीं होगा। आइए अब बारी बारी से इन पांच बड़े फैसलों पर चर्चा करते हैं।
‘पहला मास्टर स्ट्रोक- पेंशन को बढ़ाकर 1100 रुपए करना’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिव्यांग, बुजुर्ग और विधवा महिलाओं को मिलने वाले पेंशन को 400 रुपए से बढ़ाकर 1100 रुपए कर दिया है। बिहार में पहली बार लाभार्थियों को बढ़ी हुई दर 1100 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से पेंशन मिल भी चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऐतिहासिक फैसले को अमल में लाते हुए बिहार के 1.11 करोड़ पेंशनधारियों को 1227 करोड़ रुपए की राशि 11 जुलाई को ट्रांसफर कर दिया गया है। ये सर्वविदित है कि बिहार के चुनाव में गांव और शहरी इलाकों में रहने वाले बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा महिलाओं की अहम भूमिका है। कुल मिलाकर 1.11 करोड़ लोगों को सीधा इस योजना का लाभ मिला है। ऐसे में इस बड़े वर्ग में नीतीश बाबू की लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई है। चुनावी साल में 1.11 करोड़ लोग पूरे सियासी समीकरण को पलटने का माद्दा रखते हैं।
‘दूसरा मास्टर स्ट्रोक- 125 यूनिट बिजली हुई फ्री’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया है कि ‘1 अगस्त, 2025 से यानी जुलाई महीने के बिल से ही राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। इससे राज्य के कुल 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को लाभ होगा। हमने यह भी तय किया है कि अगले तीन वर्षों में इन सभी घरेलू उपभोक्ताओं से सहमति लेकर उनके घर की छतों पर अथवा नजदीकी सार्वजनिक स्थल पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर लाभ दिया जाएगा’। 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को 125 यूनिट फ्री बिजली देने के फैसले को नीतीश बाबू का बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इस फैसले से करोड़ों लोगों को सीधा फायदा होगा और विधानसभा चुनाव में एनडीए उम्मीदवारों को लेकर एक सकारात्मक माहौल बनेगा।
‘तीसरा मास्टर स्ट्रोक- बिहार में सरकारी नौकरियों की बहार’
युवाओं को सरकारी नौकरी देने में बिहार पूरे देश में पहले नंबर पर आ गया है। नीतीश बाबू ने अपने कार्यकाल में लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया है कि बिहार में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है और 39 लाख लोगों को रोजगार मिला है। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नौकरी और रोजगार बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। इसी बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और करीब 39 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है। उन्होंने यह भी वादा किया कि अगले पांच साल (2025 से 2030) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।
सीएम नीतीश कुमार ने बताया है कि “राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हमारी सोच रही है। वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की गति को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में हमने सुशासन के कार्यक्रम सात निश्चय-2 में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया था। बाद में इसे बढ़ाकर अगस्त 2025 तक 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 38 लाख लोगों को रोजगार का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कुल 50 लाख नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया था।”
नीतीश बाबू ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि राज्य में अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और लगभग 39 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है और 50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने के लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर लिया जाएगा।” अगले पांच साल की योजनाओं का जिक्र करते हुए सीएम नीतीश ने कहा, “इसी क्रम में अगले पांच साल में (2025 से 2030) वर्ष 2020-25 के लक्ष्य को दोगुना करते हुए एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है। इसके लिए निजी, विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में भी नौकरी एवं रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे। इसे लेकर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगे लिखते हैं, “वर्तमान में सात निश्चय के तहत राज्य के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अगले पांच वर्षों में युवाओं के कौशल विकास के लिए सात निश्चय के तहत चल रहे कार्यक्रम को विस्तारित किया जाएगा। आने वाले समय में कौशल विकास हेतु एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिसका नाम बिहार के गौरव भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नाम पर जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय रखा जाएगा ताकि राज्य के युवाओं को कौशल विकास की नई दिशा मिल सके।”
जल्द होगा TRE-4 परीक्षा का आयोजन
वहीं जल्द ही बिहार में TRE-4 की परीक्षा लेने का आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया है।विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने युवाओं को बड़ा तोहफा देने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी संख्या में बहाली की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को आदेश जारी कर दिए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के माध्यम से इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि, “हमने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के सभी रिक्त पदों की गणना तुरंत कर ली जाए। इन पदों पर नियुक्ति के लिए TRE-4 परीक्षा जल्द आयोजित कराई जाए।”
विधानसभा चुनाव से पहले होगी TRE-4 परीक्षा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस आदेश के बाद शिक्षा मंत्री प्रो. सुनील कुमार ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया है कि TRE-4 परीक्षा विधानसभा चुनाव से पहले ही आयोजित कर ली जाएगी। मंत्री ने बताया, हम लोगों ने आज इस विषय में एक अहम बैठक बुलाई है। विभाग की पूरी कोशिश है कि सभी प्रक्रियाएं तेजी से पूरी कर ली जाएं ताकि योग्य अभ्यर्थियों को जल्द अवसर मिल सके।
वहीं सुनील कुमार ने भरोसा दिलाया है कि राज्य सरकार बिहार में डोमिसाइल नीति को पूरी तरह लागू करने की दिशा में कानूनी राय ले रही है। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति का लाभ केवल बिहार के स्थायी निवासियों को ही मिले। वहीं सरकारी नौकरियों में महिला आरक्षण को 35 फीसदी करने के साथ ही इसमें डोमिसाइल नीति भी लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट आदेश दिया है कि नियुक्तियों में 35% आरक्षण का लाभ केवल बिहार निवासी महिलाओं को ही दिया जाएगा।
चौथा मास्टर स्ट्रोक- जीविका दीदियों को तोहफा
नीतीश सरकार ने जीविका दीदियों को दो बड़े तोहफा दिया है। अब जीविका स्वयं सहायता समूहों को 3 लाख रुपए से अधिक के बैंक ऋण पर केवल 7% ब्याज देना होगा, जबकि पहले यह ब्याज दर 10% था। कम हुए 3% ब्याज का बोझ अब राज्य सरकार खुद उठाएगी।इससे जीविका दीदियों को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलेगी, उनकी आमदनी बढ़ेगी और जीवन स्तर बेहतर होगा। वहीं 1.4 लाख जीविका कर्मियों के मानदेय को दोगुना कर दिया गया है। ये कर्मी प्रशासनिक, प्रशिक्षण और अन्य जिम्मेदारियां निभाते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस मास्टर स्ट्रोक से करीब 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं को सीधा फायदा होगा।
‘पांचवां मास्टर स्ट्रोक- पंचायत प्रतिनिधियों को मिली सौगात’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज के प्रतिनिधियों के मानदेय में इजाफे का ऐलान किया है। ग्राम पंचायत मुखिया को मनरेगा में 10 लाख रुपए तक की योजना की स्वीकृति देने का अधिकार मिल गया है। वहीं अब मुखिया का मासिक भत्ता भी 5000 से बढ़कर 12500 रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा उप मुखिया, वार्ड सदस्यों तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंचों के मासिक भत्ते को डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है।इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों को आर्म्स लाइसेंस देने की भी स्वीकृति मिल गई है। इन फैसलों को विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इन फैसलों से विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है। अब विपक्षी नेता केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं क्योंकि सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के उनके सारे तर्क ही खत्म हो गए हैं । साफ है कि इन पांच बड़े मास्टर स्ट्रोक से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता पहले से भी बढ़ गई है और आगामी विधानसभा चुनाव में इसका सीधा लाभ एनडीए को मिलेगा।