बेहतर मानसून के कारण चीनी उत्पादन बढ़ेगा, लेकिन कीमतों में मजबूती बनी रहेगीः इक्रा रिपोर्ट
इस वर्ष सामान्य से बेहतर मानसून के कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्यों में गन्ने की खेती और उपज में बढ़ोतरी होने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इन वजहों से इस साल चीनी उत्पादन 15 प्रतिशत अधिक रह सकता है। हालांकि उत्पादन बढ़ने के बावजूद कीमतों (sugar prices) में मजबूती बरकरार रहेगी। ज्यादा बिक्री, घरेलू बाजार में मजबूत कीमतों और डिस्टिलरी में ज्यादा इस्तेमाल से वित्त वर्ष 2025-26 में चीनी मिलों का रेवेन्यू 6-8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं ग्रुप हेड (कॉरपोरेट रेटिंग्स) गिरीशकुमार कदम ने कहा, “सामान्य से बेहतर मानसून और प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ना के रकबे तथा उपज में अपेक्षित सुधार के कारण अनुमान है कि चीनी उत्पादन 2024-25 (चीनी वर्ष अक्टूबर-सितंबर) के 296 लाख टन से बढ़कर 2025-26 में 340 लाख टन हो जाएगा।”
इथेनॉल के लिए 40 लाख टन चीनी का डायवर्जन
इथेनॉल उत्पादन के लिए 40 लाख टन चीनी के अनुमानित डायवर्जन के बाद शुद्ध चीनी उत्पादन पिछले वर्ष के 262 लाख टन से बढ़कर इस वर्ष 300 लाख टन हो जाएगा। घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें वर्तमान में 39-41 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में हैं। अगले सीजन की शुरुआत तक इसके स्थिर रहने की उम्मीद है। इससे चीनी मिलों का मुनाफा बढ़ेगा।
हालांकि रिपोर्ट में यह चिंता भी जताई गई है कि अगर इथेनॉल की कीमतें स्थिर रहीं, तो चीनी मिलों के प्रॉफिट मार्जिन में मामूली वृद्धि ही होगी। इक्रा ने डिस्टिलरी की लाभप्रदता बनाए रखने के लिए इथेनॉल की कीमतों में संशोधन की आवश्यकता पर जोर दिया है।
इथेनॉल ब्लेंडिंग 20 प्रतिशत से बढ़ाने पर विचार
कदम के अनुसार, ईंधन में इथेनॉल मिश्रण का ट्रेंड उत्साहजनक है। भारत ने निर्धारित 20% मिश्रण का लक्ष्य हाल के महीनों में हासिल कर लिया है। अब सरकार मिश्रण को 20% से अधिक बढ़ाने के विकल्प पर विचार कर रही है। इससे डिस्टिलरीज का बिजनेस बढ़ेगा। हालांकि उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) में लगभग 11.5% की वृद्धि के बावजूद शीरा और बी-हैवी आधारित इथेनॉल की कीमतों में दो साल से संशोधन नहीं किया गया है। इथेनॉल की कीमतों में संशोधन डिस्टिलरी और चीनी उद्योग की लाभप्रदता के लिए महत्वपूर्ण है।
पिछले साल से कम रहेगा क्लोजिंग स्टॉक
रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 30 सितंबर 2025 को चीनी वर्ष खत्म होने पर चीनी का क्लोजिंग स्टॉक लगभग 52 लाख टन होगा, जो 30 सितंबर 2024 के 80 लाख टन के स्टॉक से कम है। यह मात्रा दो महीने की खपत के बराबर होगी। यदि घरेलू खपत और निर्यात कोटा 2024-25 के समान रहता है, तो 30 सितंबर 2026 तक क्लोजिंग स्टॉक बढ़कर 63 लाख टन पहुंचने की उम्मीद है, जो लगभग 2.5 महीने की खपत के बराबर होगा।