हनुमान जी की पूजा में जरूर करें इन मंत्रों का जप

सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी (Mangalwar Ke Upay) को प्रसन्न करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत और पूजा करने से साधक को हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में आ रहे सभी तरह के संकट दूर होते हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 06 मई को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। साथ ही आज मंगलवार व्रत किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंगलवार व्रत करने से साधक पर हनुमान जी कृपा बनी रहती है। साथ ही सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है। इस दिन पूजा के दौरान हनुमान जी के 108 नामों का मंत्र जप जरूर करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। साथ ही जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।

हनुमान जी के 108 नाम

ॐ पूर्णवैराग्यसागराय नमः
ॐ पूर्णसत्वाय नमः
ॐ पूर्णानन्दाय नमः
ॐ वेदव्यासमतानुगाय नमः
ॐ द्वैतशास्त्रप्रणेत्रे नमः
ॐ साङ्ख्यशास्त्रस्य दूषकाय नमः
ॐ बौद्धागमविभेत्त्रे नमः
ॐ दुर्वादिगजसिंहस्य तर्कशास्त्रस्य खण्डनाय नमः
ॐ महामतये नमः
ॐ यतिरूपाय नमः
ॐ व्यासशिष्याय नमः
ॐ पूर्णबोधाय नमः
ॐ द्रौपदीप्राणवल्लभाय नमः
ॐ सौगन्धिकापहर्त्रे न
ॐ जरासन्धविमर्दनाय नमः
ॐ दुर्योधननिहन्त्रे नमः
ॐ कीचकमर्दनाय नमः
ॐ विराटनगरे गूढचराय नमः
ॐ बहुकान्तिमते नमः
ॐ पाञ्चाल्युद्वाहसञ्जातसम्मोदाय नमः
ॐ कुलालगृहमध्यगाय नमः
ॐ नित्यं भिक्षाहाररताय नमः
ॐ तद्ग्रामपरिरक्षकाय नमः
ॐ बलासुरवधोद्युक्ताय नमः
ॐ धनञ्जयसहायवते नमः
ॐ पाण्डुपुत्राय नमः
ॐ धर्मानुजाय नमः
ॐ हिडिम्बासुरमर्दनाय नमः
ॐ लाक्षागृहाद्विनिर्मुक्ताय नमः
ॐ भीमपराक्रमाय नमः
ॐ भीमाय नमः
ॐ कुन्तीगर्भसमुत्पन्नाय नमः
ॐ रामकार्यधुरन्धराय नमः
ॐ रामाभिषेकलोलाय नमः
ॐ भरतानन्दवर्धनाय नमः
ॐ लोहितास्याय नमः
ॐ रामपादसमीपस्थाय नमः
ॐ लक्ष्मणप्राणरक्षकाय नमः
ॐ कपीनां प्राणदात्रे नमः
ॐ सञ्जीवाचलभेदकाय नमः
ॐ रामवाहनरूपाय नमः
ॐ सर्वभूतभयापहाय नमः
ॐ महादर्पाय नमः
ॐ लोकनाथाय नमः
ॐ लोकरञ्जकाय नमः
ॐ सुरेशाय नमः
ॐ सर्वलोकेशाय नमः
ॐ बुद्धिमते नमः
ॐ शब्दशास्त्रविशारदाय नमः
ॐ महावेगाय नमः
ॐ मुख्यप्राणाय नमः
ॐ ज्ञानदोत्तमाय नमः
ॐ सर्वज्ञाय नमः
ॐ सर्वशास्त्रसुसम्पन्नाय नमः
ॐ कनकाङ्गदभूषणाय नमः
ॐ कौपीनकुण्डलधराय नमः
ॐ प्रियदर्शकाय नमः
ॐ श्रीवश्याय नमः
ॐ चूडामणिप्रदात्रे नमः
ॐ कपियूथप्ररञ्जकाय नमः
ॐ कपिराजाय नमः
ॐ तीर्णाब्धये नमः
ॐ लङ्कापुरविदाहकाय नमः
ॐ दशास्यसल्लापपराय नमः
ॐ अव्ययाय नमः
ॐ ब्रह्मास्त्रवशगाय नमः
ॐ दशकण्ठसुतघ्नाय नमः
ॐ पञ्चसेनाग्रमर्दनाय नमः
ॐ वीराय नमः
ॐ मन्त्रिपुत्रहराय नमः
ॐ अशोकवननाशकाय नमः
ॐ दिव्याय नमः
ॐ महारूपधराय नमः
ॐ सीताहर्षविवर्धनाय नमः
ॐ रामाङ्गुलिप्रदात्रे नमः
ॐ सीतामार्गणतत्पराय नमः
ॐ देवाय नमः
ॐ लङ्कामोक्षप्रदाय नमः
ॐ छायाग्रहनिवारकाय नमः
ॐ मैनाकगर्वभङ्गाय नमः
ॐ सिंहिकाप्राणनाशकाय नमः
ॐ सीताशोकविनाशिने नमः
ॐ श्रीरामकिङ्कराय नमः
ॐ पुण्याय नमः
ॐ वृक्षधराय नमः
ॐ ब्रह्मचारिणे नमः
ॐ महागुरवे नमः
ॐ पूर्णप्रज्ञाय नमः
ॐ महाभीमाय नमः
ॐ पूर्णप्रज्ञाय नमः
ॐ मुख्यप्राणाय नमः
ॐ ब्राह्मणप्रियाय नमः
ॐ ब्रह्मण्याय नमः
ॐ महारूपाय नमः
ॐ महासत्त्वाय नमः
ॐ वज्रप्रहारवते नमः
ॐ वज्रिणे नमः
ॐ महाकायाय नमः
ॐ सूर्यश्रेष्ठाय नमः
ॐ केसरीनन्दनाय नमः
ॐ सूरिणे नमः
ॐ हरिश्रेष्ठाय नमः
ॐ रामदूताय नमः
ॐ महाबलाय नमः
ॐ वायुसूनवे नमः
ॐ अञ्जनापुत्राय नमः
ॐ हनुमते नमः
ॐ महाहनवे नमः

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