WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों ने आज बड़ा एलान किया…

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध कर रहे पहलवानों ने आज बड़ा एलान किया है।

पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर कहा है कि वह अपने जीते हुए सभी मेडल को गंगा नदी में बहा देंगे। पहलवानों ने ट्विटर में एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा था कि वह मंगलवार को शाम छह बजे हरिद्वार जाकर अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे। अपने मेडल फेंकने के बाद इंडिया गेट पर भूख हड़ताल पर भी बैठेंगे

सोशल मीडिया पर क्या किया पोस्ट?

पहलवानों ने अपने पोस्ट में कहा, ’28 मई को जो कुछ भी हुआ, आपने देखा कि पुलिस ने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया और जिस तरह से उन्होंने हमें गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, हमारी जगह ले ली गई और अगले दिन हमारे खिलाफ गंभीर मामले और प्राथमिकी दर्ज की गई। क्या पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध किया है? पुलिस और व्यवस्था हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि अत्याचारी खुलकर उपहास कर रहा है। यहां तक कि वह खुले तौर पर पोस्को कानून में बदलाव की बात भी कर रहे हैं।’

गंगा नदी की तरह पवित्र हैं यह मेडल

पहलवानों ने आगे कहा कि ‘ये मेडल हम गंगा में बहाने जा रहे हैं। कड़ी मेहनत के बाद हमने जो पदक अर्जित किए हैं, वे गंगा नदी की तरह पवित्र हैं। ये पदक पूरे देश के लिए पवित्र हैं और पवित्र पदक रखने का सही स्थान पवित्र गंगा हो सकती है, न कि हमारी अपवित्र व्यवस्था जो हमें बहला-फुसलाकर हमारा फायदा उठाकर हमारे अत्याचारी के साथ खड़ी हो जाती है। पदक हमारा जीवन है, हमारी आत्मा है। हम मरते दम तक इंडिया गेट पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।’

जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को हटाया गया

29 मई को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को वहां से हटाया गया। करीब 109 पहलवानों व उनके समर्थकों को हिरासत में लेकर पुलिस ने उन्हें अलग-अलग थानों में रखा और देर शाम सभी को छोड़ दिया। इसके अलावा सभी को हिदायत दी गई कि वे दोबारा जंतर-मंतर पर धरना नहीं देंगे।

डीसीपी और दिल्ली पुलिस की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा ने कहा था कि 28 मई को प्रदर्शन को लेकर पहलवानों से बातचीत की गई पर उन्होंने कुछ भी सुनने से मना कर दिया है। इसलिए उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। अगर ये कहीं और प्रदर्शन करने की इजाजत मांगेंगे तो इजाजत दी जा सकती है, लेकिन अब जंतर-मंतर पर बैठने नहीं दिया जाएगा।

सात महिला पहलवानों का आरोप

गौरतलब है कि सात महिला पहलवानों ने पर यौन शोषण का आरोप लगाया है और पहलवान उन पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे

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