प्रदूषित हवा में कसरत करना पड़ सकता है भारी, रहें सावधान

बाहर कसरत करने से कई तरह की दिक्कतें आती है. हालांकि ताजा हवा और सूरज की रोशनी आपकी मनोदशा को बढ़ाती है. इसके अलावा यह गतिशीलता बढ़ाने के साथ रक्तचाप स्तर में सुधार और अनिद्रा की समस्या को भी कम करते हैं. अध्ययनों के अनुसार आप घर के अंदर की तुलना में बाहर वर्कआउट चुनते हैं, तो वर्कआउट रूटीन से चिपके रहते हैं. जब हवा जहरीली हो, तब सांस लेना मुश्किल हो जाता है. आप सोचते हैं कि हवा में आपको कसरत जारी रखना चाहिए या नहीं, तो यहां कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं.

वायु प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं-

अच्छी गुणवत्ता वाला मास्क पहनने के बाद भी हवा में मौजूद धूल और गंदगी के कण सांस के साथ आपके अन्दर जाते हैं. इससे फेफड़ों में समस्या होने की आशंका रहती है. फेफड़ों के अलावा ज्यादा देर तक प्रदूषित हवा की वजह से आंखों में जलन, नाक और गलने में जलन के अलावा दिल के दौरे और स्ट्रोक की आशंका भी होती है.

बाहर कसरत के दौरान हम ज्यादातर दौड़ना, साइकिल चलाना या पैदल चलने जैसी एरोबिक गतिविधियां करते हैं. इससे हम ज्यादा ऑक्सीजन सांस के साथ अंदर लेते हैं. ये फेफड़ों में अधिक गहराई के साथ जाती है. ऑक्सीजन की बड़ी मात्रा में हम सांस मुंह से लेते हैं. नाक के माध्यम से अन्दर जाने वाली हवा की तुलना में मुंह से ज्यादा धूल और गंदगी के कण जाते हैं और ये फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

सर्दियों में क्या करना चाहिए?

हवा की गुणवत्ता अक्सर सर्दियों में खराब होती ही है. ऐसे में घर के अंदर रहकर व्यायाम करना ही उचित विकल्प माना जा सकता है. बाहर जाकर आप मास्क के साथ भी कुछ पसीना बहाने का निर्णय लेते हैं, तो आप आंखों को प्रदूषण से नहीं बचा सकते हैं. जब हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, तो ज्यादा से ज्यादा समय घर पर रहना ही बेहतर होता है. बच्चों और बुजुर्गों को इस दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है. अपने घर में रहकर ही फिटनेस के लिए योग, जॉगिंग और स्किपिंग जैसी गतिविधियां की जा सकती हैं.

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