सर्दियों में रात को सोने से पहले नाभि में डालें 2 बूंद सरसों का तेल, सेहत में होंगे ये 5 बदलाव

सर्दी में नाभि में सरसों का तेल लगाना एक पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा है। यह शरीर को अंदर से गर्म रखता है, त्वचा को नमी देता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। ऐसे में हर रात सोने से पहले तेल की दो बूंदें लगाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। सर्दी का मौसम अपने साथ ठंडी हवाएं और सुहावना माहौल लेकर आता है। लेकिन इस मौसम में शरीर ठंड का शिकार हो जाता है। हालांकि, इससे बचने के लिए आयुर्वेद नाभि में तेल लगाने को काफी असरदार मानता है। वहीं, नाभि के लिए सरसों तेल से बेहतर शायद कुछ भी नहीं। ठंड में नाभि में सरसों का तेल लगाने का नुस्खा हमारे पूर्वजों से चला आ रहा है और यह सिर्फ एक घरेलू उपाय नहीं, बल्कि सेहत के लिए रामबाण इलाज भी है। अगर आप रोजाना रात को सोने से पहले नाभि में दो बूंद तेल डालते हैं, तो आपकी सेहत में ये 5 बदलाव नजर आ सकते हैं। शरीर को अंदर से रखें गर्म सरसों का तेल गर्म तासीर वाला होता है, जो नाभि में लगाने से पूरा शरीर गर्म और हल्का महसूस करने लगता है। यह सर्दियों में होने वाली ठंड और सुस्ती को दूर करने के लिए भी बेहतरीन उपाय है। नाभि से पूरे शरीर में तेल का असर फैलता है। सरसों का तेल स्किन को नमी और पोषण देता है, जिससे सर्दियों में होने वाली रूखी और बेजान त्वचा की समस्या से छुटकारा मिलता है। पाचन तंत्र को बनाएं मजबूत नाभि शरीर का एक अहम सेंटर माना जाता है, जो पाचन और मेटाबॉलिज्म से जुड़ा है। अगर आप नाभि में सरसों का तेल लगाते हैं, तो इससे पेट की समस्याएं, कब्ज और गैस में राहत मिलती है। जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द करें कम सर्दियों में घुटनों का दर्द काफी बढ़ जाता है। ऐसे में सरसों का तेल सूजन और दर्द कम करने के लिए असरदार नुस्खा है। सर्दियों में जोड़ों की अकड़न या मांसपेशियों में खिंचाव होने पर नाभि में दो बूंद सरसों का तेल डालें। इम्युनिटी को बढ़ावा सरसों का तेल विटामिन-ई, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसे नाभि में लगाने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे सर्दियों में होने वाले वायरल इन्फेक्शन से बचा जा सकता है। नाभि में सरसों का तेल लगाने का तरीका नाभि में तेल डालने से पहले उससे अच्छी तरह से साफ कर लें। 2-3 बूंद सरसों का तेल नाभि में डालें। हल्के हाथ से मसाज करें। इसे रात भर या कम से कम 20-30 मिनट रहने दें। रोजाना या हफ्ते में 3-4 बार इसे दोहराएं।
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