बीमारी को हराने के लिए भारत का ‘दिल’ चाहता है पाकिस्तान का पूर्व हॉकी स्टार
नई दिल्ली. हॉकी की टर्फ पर उसने भारत का दिल कई बार तोड़ा, कई बार वो भारत की हार का अगुआ बना, लेकिन आज जब दिल की बीमारी के आगे वो लाचार पड़ा है तो उसने भारत से दिल देने की फरियाद लगाई है. जी हां, हम बात कर रहे हैं 1994 में हॉकी का वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तान की टीम के गोलकीपर मंसूर अहमद की. पेस मेकर और स्टेंट लगवाने के बावजूद दिल की बीमारी से जूझ रहे मंसूर अहमद के दिल का ट्रांसप्लांट होना है.
इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मंसूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो भारतीयों से अपील करते हुए कह रहे हैं कि उन्होंने 1989 के इंदिरा गांधी कप सहित दूसरे कई मुकाबलों में भारत को हराकर उसके देशवासियों का दिल तोड़ा, लेकिन वो खेल का मैदान था. अब वो भारत में अपने दिल का ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं. वीडियो में मंसूर अपने हार्ट ट्रासप्लांट के लिए भारत सरकार से मदद की अपील भी कर रहे हैं.
मंसूर वही खिलाड़ी हैं जो साल 1994 में भारत के खिलाफ हॉकी वर्ल्ड कप में जीत के हीरो बनकर दुनियाभर में मशहूर हो गए थे. एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में मंसूर ने कहा, ” करीब चार-पांच साल पहले मेरे दिल की सर्जरी हुई थी. लेकिन समस्या बनी रही. पिछले महीने मेरी हालत और खराब हो गयी और अब डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट ट्रांसप्लांट ही एकमात्र रास्ता है.” ओलंपियन मंसूर अहमद की खराब तबियत का जायजा क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भी कई बार ले चुके हैं, जिसकी तस्वीर उन्होने ट्विटर पर पोस्ट की है.
Pakistan hockey hero seeks help from India on heart transplant to save his life pic.twitter.com/3qL0hWA7CK
— Shahid Hashmi (@hashmi_shahid) April 23, 2018
बता दें कि मंसूर अहमद 1992 सिडनी ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली पाकिस्तानी टीम का भी हिस्सा रहे थे. उन्हें 1994 में वर्ल्ड हॉकी फेडरेशन की ओर से बेस्ट गोलकीपर के अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है. जबकि 1996 के अटलांटा ओलंपिक में वो पाकिस्तान के फ्लैग बियरर थे.
I visited Olympian & our Hockey legend, Mansoor Khan & assured of my full support for our national hero. I am so happy that he is getting better day by day and wish for his complete & speedy recovery. @SAFoundationN will fully take care our sporting legend. #SAFcares #HopeNotOut pic.twitter.com/008KuUwi3v
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) April 14, 2018
साल 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच दूरियां काफी बढ़ गई हैं. हालांकि, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बाद भी भारत सरकार कई पाकिस्तानियों को मेडिकल वीजा उपलब्ध करा चुकी है. पाकिस्तान की तरफ से 338 इंटरनेशनल मैच खेल चुके मंसूर चाहते हैं कि उनका इलाज भारत में हो और इसके लिए सरकार उन्हें मेडिकल वीजा दे.