इसलिए बच्चे के लिए अमृत है मां का दूध
विश्व स्तनपान सप्ताह दुनिया भर में एक से सात अगस्त तक मनाया जाता है। स्तनपान शिशु को न सिर्फ स्वस्थ रखने और भरपूर पोषण देने का काम करता है, बल्कि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने व समुचित विकास में भी मदद करता है। छत्तीसगढ़ में इस सप्ताह स्तनपान के लिए समर्पित एक घंटा (ब्रेस्टफीडिंग आवर) चिकित्सा इकाइयों में पूरे सप्ताह आयोजित किया जाएगा।
इस दौरान स्तनपान संबंधी गतिविधियां आयोजित होंगी । सभी सरकारी अस्पतालों में स्तनपान को आरंभ करने में अस्पताल का स्टाफ भी मां की सहायता करेगा । सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल अफसर, नर्सिंग स्टाफ अपनी इकाइयों को बेबी फ्रेंडली बनाएंगे और बोतल के दूध से होने वाली हानि और इसको रोकने के लिए लाए गए इन्फेंट मिल्क सब्टीट्यूट (आईएमएस) एक्ट के संबंध में जानकारी देंगे ।
नर्स प्रसवोत्तर वार्ड में प्रतिदिन जाकर एक घंटे के लिए स्तनपान का लाभ तथा कुपोषण से बचाव और रोकथाम के लिए 6 माह तक केवल मां का दूध देने की सलाह देंगी । स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह का कहना है स्तनपान सिर्फ शिशु स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि मां के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।
उन्होंने बताया शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम आहार के साथ उसका मौलिक अधिकार भी है। मां का दूध जहां शिशु को शारीरिक व मानसिक विकास प्रदान करता है, वहीं उसे डायरिया, निमोनिया और कुपोषण जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाता भी है।