सड़क सुरक्षा अग्रदूत मेरा गांव – मेरी पहल कायड़ क्षेत्र के 175 युवा बने ….
सड़क सुरक्षा तकनीकी सलाहकार, भारत सरकार एवं परियोजना प्रमुख राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं जागृति मिशन डॉ. वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस मिशन के तहत अजमेर, भीलवाड़ा,राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर जिलों को सभी हितधारकों के सहयोग से हेलमेट युक्त जिला बनाने का कार्य प्रारंंभ कर दिया है।
उन्होंने बताया कि अब तक 1500 सड़क सुरक्षा अग्रदूतों को प्रशिक्षण उपरान्त शपथ दिलायी जा चुकी है। राठौड़ अजमेर में प्रमुख प्रशिक्षक के रूप में सड़क सुरक्षा अग्रदूतों के कार्य, उद्देश्यों के साथ सड़क के नियम, विनियमों पर प्रकाश डाल रहे थे।
मौका था अजमेर के पुष्कर बाईपास स्थित संस्कृति दी स्कूल में मेरा गांव – मेरी पहल के तहत कायड़ जोन की 7 ग्राम पंचायतों के 175 युवाओं को सड़क सुरक्षा अग्रदूत की शपथ दिलाने का।
यहां सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सड़क सुरक्षा एडवोकेसी योजना के अन्तर्गत ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मोटर व्हीकल डिपार्टमेंंट द्वारा हिंदुस्तान जिंक एवं राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के सहयोग से आयोजित हेलमेट सड़क सुरक्षा अग्रदूतों की कार्यशाला आयोजित की गई थी।
कार्यशाला में शक्ति सिंह शेखावत, अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर ने सड़क सुरक्षा क्षेत्र में हेलमेट एडवोकेसी के साथ ग्राम पंचायतों के युवा कार्यकर्ताओं को शिक्षित, जागरूक, प्रोत्साहन एवं अनिवार्यता के साथ सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप मे प्रशिक्षण उपरान्त हेलमेट देने से पूर्व उन्हें शपथ दिलायी।
शेखावत ने कहा कि सड़क सुरक्षा क्षेत्र का यह देश का पहला ऐसा नवाचार है जो दो पहिया वाहनों के साथ अन्य वाहनों की सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने में कारगर सिद्ध होगा जिसमें आयोजक देवदूत की भूमिका एवं प्रतिभागी सड़क सुरक्षा अग्रदूत के रूप में समर्पित रूप से कार्य करेंगे तो अजमेर जिला सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से कमी लाने वाला जिला होगा। उन्होंने प्रशिक्षण के उपरान्त शपथ के बाद मामूली राशि में ब्रांडेड हेलमेट प्राप्त कर दूत बनाना ही इस अभियान की खासियत हैं। उन्होंने इसे अपने जीवन में अंगीकार करने का अग्रदूतों से आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि स्टील बर्ड कंंपनी से प्रशिक्षण उपरांंत आधी कीमत में हेलमेट देने का राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी द्वारा किया गया एम.ओ.यू. इस दिशा में कारगर सिद्ध हो रहा है। डॉ राठौड़ ने सड़क सुरक्षा को एक ज्वलंंत मुद्दा बताते हुए गांवों में पिछले 5 वर्षों से चलाये जा रहे राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं जागृति मिशन के तहत गठित सड़क सुरक्षा युवा समिति के 175 से अधिक सदस्यों को ‘‘मेरा गांव – मेरी पहल‘‘ के तहत स्वयं की सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा के लिए सड़क सुरक्षा अग्रदूत बनकर कार्य करने का आव्हान किया।
उन्होंने बताया की देश में 73 प्रतिशत से अधिक 2 पहिया वाहन हैं कुल सड़क दुर्घटनाओं का 34 प्रतिशत हिस्सा 2 पहिया वाहनों का है। सही आई.एस.आई 4151 मानक का हेलमेट सही तरीके से पहनकर ही 2 पहिया वाहन चलाना चाहिए बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए।
अजमेर में सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी
अजमेर जिले में वर्ष 2018 में 2017 की तुलना में 12.13 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में कमी हुई है। भारत में वर्ष 2017 में हेलमेट न पहनने से 48746 लोगों की मौत हुई वहीं राजस्थान में इसी वर्ष 2850 लोगों की मौत हुई लेकिन वर्ष 2018 में जागरूकता के कारण 1563 लोगों की हेलमेट न पहनने से मौत हुई। अजमेर में वर्ष 2018 में दो पहिया वाहनों के द्वारा 276 कुल दुर्घटनाएं हुई जिसमें मृतकों की कुल संख्या 165 एवं घायलों की कुल संख्या 264 हैं तथा इनमें से 96 मृतकों की मौत का व 166 घायलों के घायल होने का मुख्य कारण हेलमेट नहीं पहनकर दोपहिया वाहन ड्राइव करना रहा हैं।
पुलिस उपअधीक्षक (यातायात) अजमेर धर्मवीर सिंह जानू, ने दो पहिया वाहनों के सवारी एवं चालक दोनों को अक्टूबर 2015 से आईएसआई मार्ग का हेलमेट पहनना अनिवार्य है। ब्राडेंड हेलमेट के बजाय सब स्टेण्डर्ड हेलमेट पहनने की प्रवृति नहीं है। यह सभी सड़क सुरक्षा अग्रदूत यातायात पुलिस के साथ सड़क मित्र बनकर कार्य करेंगे तो निश्चित है यह क्षेत्र सुरक्षित क्षेत्र बनेगा।
राजीव शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) अजमेर ने शिक्षा एवं जागरूकता के साथ – साथ प्रभावी प्रवर्तन कार्य को इसमें कारगर होना बताया साथ ही कहा की जब आधी कीमत में राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी स्टील बर्ड का हेलमेट देने को तैयार है तो पुलिस एण्ड़ परिवहन विभाग भी इस अभियान में जुड़कर इसे सफल बनायेंगे तथा बिना लाइसेंस वाले सड़क सुरक्षा अग्रदूतों को परिवहन विभाग से लाइसेंस बनाने मे पूरा सहयोग कर उन्हे और प्रशिक्षित किया जायेगा।
मोटर वाहन निरीक्षक जाकिर हुसैन ,एन.एच. 8 गेगल टोल के मार्ग प्रबन्धक कमल सिंह तवंर ,महेश माथुर, नम्रा याशा सीएसआर अधिकारी एवं सुरेश सोनी एचआर हेड, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, कायड ने कायड क्षेत्र की ग्राम पंचायतों जिसमें घूघरा, कायड, माकड़वाली, चाचियावास, गगवाना, लोहागल, गेगल के मिशन से जुडे 25 – 25 सड़क सुरक्षा युवा समिति सदस्यों को हेलमेट की आवश्यकता एवं उपयोगिता तथा दोपहिया वाहनों की सुरक्षा हेतु सड़क सुरक्षा पर अपने पूर्व में दिये गये हेलमेटों के अनुभव साझा किए।
ऋतु चौहान, सचिव राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी, स्टील बर्ड के प्रतिनिधि राजेन्द्र सिंह,कर्नल ए.के.त्यागी, प्रिंसिपल संस्कृति,राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी के स्थानीय प्रशिक्षक विरेन्द्र सिंह जगमालोत इस अवसर पर उपस्थित थे। सभी सड़क सुरक्षा अग्रदूतों में सड़क सुरक्षा पर आदर्श वाहन चालक के रूप में कार्य करने का उत्साह देखा गया।