जेट एयरवेज कर्मचारी ने की आत्महत्या, कैंसर से था पीड़ित
जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने से कर्मचारियों की स्थित दयनीय बनी हुई है। जेट एयरवेज के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में एक जेट एयरवेज कर्मचारी ने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र के पालघर में रहने वाले शैलेष सिंह (45 वर्ष) ने नालासोपारा ईस्ट स्थित अपनी चार मंजिल छत से कूद कर जान दे दी।
बताया जा रहा है कि जेट एयरवेज के सीनियर टेक्नीनीशियन शैलेश सिंह को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं मिली थी, जिससे वह डिप्रेशन में चले गए थे। शैलेश सिंह को लंबे समय से कैंसर था और काफी समय से उनका इलाज चल रहा था। कीमोथेरेपी के बाद वह हाल ही में हॉस्पिटल से घर आए थे।
वहीं, जेट एयरवेज स्टाफ एंड एम्पलॉइज एसोसिएशन का कहना है कि शैलेष आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे। जेट एयरवेज की उड़ाने बंद होने के बाद कंपनी ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया है।
बता दें कि जेट एयरवेज की उड़ान बंद होने के बाद कर्मचारियों का प्रदर्शन लगातार जारी है। शनिवार को कर्मचारियों और उनके परिजनों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जेट एयरवेज की उड़ान को बहाल किया जाए। प्रदर्शन में कर्मचारियों के छोट-छोटे बच्चे भी शामिल हुए।
जेट एयरवेज के पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाली द नेशनल एविएटर गिल्ड (नैग) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वे विमानन कंपनी के कर्जदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को सभी कर्मचारियों को एक महीने का वेतन जारी करने का निर्देश दें। शनिवार देर रात प्रधानमंत्री को भेजे एक ई-मेल में गिल्ड ने कंपनी के विमानों का पंजीकरण रद करने की प्रक्रिया को रोकने की भी गुजारिश की है।
मालूम हो कि कि जेट के अधिकतर विमानों को अन्य कंपनियों ने लीज पर ले लिया है। उधर, जेट कर्मचारियों को कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए ग्रुप मेडिक्लेम पर भी संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं। मेडिक्लेम की अवधि इस वर्ष 31 जुलाई को समाप्त हो रही है। ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड जेट के कर्मचारियों को मेडिक्लेम सुविधा उपलब्ध कराती है। इंश्योरेंस कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि हमने कंपनी को इस संबंध में सूचित कर दिया है, लेकिन वहां से नवीनीकरण के संबंध में कोई संपर्क नहीं किया गया है।