रूस के खिलाफ एक हुए US और ब्रिटेन समेत 18 देश, 100 रूसी राजनयिकों को किया निष्कासित
ब्रिटेन की सरकार ने रूस के राजनयिकों (खु्फिया अधिकारियों) के इतिहास के सबसे बड़े सामूहिक निष्कासन की आज प्रशंसा की. अमेरिका और यूरोपीय संघ के कई सदस्यों ने ब्रिटेन में इस महीने रूस के पूर्व जासूस पर केमिकल अटैक की घटना के प्रति सामूहिक प्रतिक्रिया देने की घोषणा की है. इसके तहत अभी तक अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड समेत 18 देशों ने रूस के 100 से अधिक राजनयिकों (खु्फिया अधिकारियों) को निष्कासित करने का ऐलान किया है.
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने प्रतिनिधि सभा में कहा, ’18 देशों ने रूस के 100 से अधिक खु्फिया अधिकारियों को निष्कासित करने के अपने इरादे की घोषणा की है. इसमें अमेरिका, कनाडा और यूक्रेन समेत यूरोपीय संघ के 15 सदस्य देश शामिल हैं.’ बता दें कि ब्रिटेन पहले ही 23 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर चुका है.
मे ने कहा, ‘यह इतिहास में रूसी अधिकारियों का सबसे बड़ा सामूहिक निष्कासन है. हम लोगों ने मिलकर यह संदेश दिया है कि हम अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन और हमारे मूल्यों को कमतर करने के रूस द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ इधर, निष्कासन के साथ-साथ अमेरिका ने सिएटल में रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया क्योंकि वो अमेरिकी पनडुब्बी और बोइंग के अड्डों के करीब है.
‘रूस की क्षमता को घटाकर अमेरिका हुआ सुरक्षित’
ब्रिटेन ने कहा कि ये कार्रवाई, जिसमें अमेरिकियों पर जासूसी करने और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले गुप्त अभियान चलाने की रूस की क्षमता को घटाया गया है, इसके चलते अमेरिका और सुरक्षित हुआ है. यह कदम उठाकर अमेरिका और हमारे सहयोगियों तथा साझेदारों ने रूस को यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी गतिविधियों के दुष्परिणाम होंगे.
रूसी राजनयिकों पर क्यों हुई कार्रवाई
निष्कासित राजनयिकों पर खुफिया अधिकारी के रूप में काम करने का आरोप है. बता दें कि ये कार्रवाई ब्रिटेन में पूर्व रूसी जासूस पर केमिकल अटैक के बाद हुई है. इस हमले के लिए ब्रिटेन ने रूस को दोषी ठहराया है. वहीं, रूस ने इन आरोपों से इनकार किया है.
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