घर का छोटा हिस्सा हो सकता है बड़ा खतरनाक, ले चुका है श्रीदेवी समेत कइयों की जान
अपने शोख अंदाज से 70 एमएम के पर्दे पर राज करने वाली ‘चांदनी’ सदमा देकर अब इस दुनिया से रुखसत हो चुकी हैं। रात का रंग काला होता है लेकिन 24 फरवरी की रात श्रीदेवी के लिए सामान्य रात की तरह नहीं रही। रात के उस पहर के लिए पहले से ही विधाता ने पटकथा लिख दी थी जिसका जिक्र सदी के महानायक अमिताभ ने उनकी मौत से पहले कुछ इस अंदाज में बयां किया कि ‘कुछ अच्छा नहीं लग रहा है’। मशहूर अदाकारा श्रीदेवी की मौत को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन रशीद अस्पताल की डेथ रिपोर्ट में मौत की वजह बॉथटब में डूबने को बताया गया।
अब इस मामले में दुबई पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है जिसके बाद उनकी बॉडी को लाया जाएगा। इस पूरे वाक्ये के दौरान मौत की जो वजह बतायी गई उसमें बॉथटब की बड़ी भूमिका रही। यह जानना बेहद दिलचस्प है कि बॉथटब में हुई यह मौत अपने आप में पहली नहीं है। इससे पहले भी कई बड़े अभिनेता और अभिनेत्रियां इसके शिकार हो चुके हैं। बॉथटब को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ये है कि जापान में हर वर्ष 19 हजार लोग बॉथटब में डूब कर मर जाते हैं। इसके अलावा अमेरिका में हर रोज होने वाली मौतों में एक मौत की वजह बॉथटब होता है। इससे साफ है कि घर के एक छोटे से कमरे का एक छोटा हिस्सा कितना खतरनाक हो सकता है।
जापान में बॉथटब बना बड़ा खतरा
दुनिया के दो विकसित देशों जापान और अमेरिका की कहानी कुछ अलग है। मार्च 2017 में प्रकाशित जर्नल जनरल एंड फैमिली मेडिसिन के मुताबिक जापान में प्रतिवर्ष बॉथरूम या बॉथटब से संबंधित हादसों में करीब 19000 लोग जान गंवाते हैं। जापान की कंज्यूमर अफेयर्स एजेंसी के मुताबिक पिछले एक दशक में बॉथटब में डूबने के मामलों में 70 फीसद बढ़ोतरी हुई है। जो लोग इस तरह की दुर्घटना के शिकार बने उनकी उम्र 65 साल से ज्यादा थी। एक अध्ययन के मुताबिक 41 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर गर्म पानी से नहाने की वजह से मौत की संख्या में इजाफा हो सकता है। इसके अलावा जापान में बनाए जाने वाले बॉथटब की गहराई भी ज्यादा होती है।
अमेरिका में विलेन बना बॉथटब
2015 में द सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल इन अटलांटा ने विस्तार में आंकड़े को सार्वजनिक करने के साथ उसका विश्लेषण भी किया जिसमें ये बताया गया कि घर का एक छोटा सा कमरा कितना खतरनाक साबित हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक 15 वर्ष की उम्र के करीब दो लाख लोग हर वर्ष बॉथरूम में लगी चोट की वजह से अस्पतालों के इमरजेंसी में आते हैं, जिसमें 15 फीसद लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। ज्यादातर हादसे नहाने या शॉवर लेने के दौरान होती है। इसके साथ ही पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हादसे का शिकार होती है। पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन महिलाओं की शारीरिक शक्ति और बोन मॉस एक बड़ी वजह हो सकती है।
छोटी जगह, बड़ा खतरा और मशहूर लोगों की गई जान
-1971 में पेरिस में एक बॉथटब में जिम मोरिसन मृत पाए गए थे। मोरिसन का पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ हालांकि ये बताया जाता है कि उनकी मौत ड्रग के ओवरडोज से हुई थी।
-यूएस पॉप आइकन ह्विटनी हाउसटन 2012 में बॉथटब में मृत अवस्था में पायी गई थी जिस समय उनके बॉथरूम का दरवाजा खोला गया उनका चेहरा पानी में डूबा हुआ था।
-बॉबी क्रिस्टीना ब्राउन, मशहूर गायक बॉबी ब्राउन और ह्विटनी हाउस्टन की बेटी थीं। 2015 में अचेत अवस्था में बॉथटब में मिली थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शराब के सेवन की पुष्टि हुई थी।
-अभिनेता और गायक जुडी गारलैंड 1969 में बॉथरूम में मृत अवस्था में पाए गए थे।
बॉथटब की वजह से किसी की मौत हो जाए ये खबर अपने आप में चौंकाने वाली होती है। ये हो सकता है कि भारत में इस तरह की खबरों को महत्व न मिले। लेकिन दुनिया के कुछ देशों में बॉथरूम या बॉथटब से होने वाली मौतों का बकायदा आंकड़ा जारी होता है। भारत में बॉथरूम में फिसल जाने की वजह से चोट का लगना या मौत एक सामान्य हादसे के तौर पर देखा जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू हादसों में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती हैं।