
मध्य प्रदेश की खरगोन विधानसभा सीट जिले की अहम सीट है. यह शहर सफेद सोने अर्थात कपास के व्यवसाय के लिये प्रसिध है. देश के उत्तर व दक्षिण प्रदेशों को जोड़ने वाले प्राकृतिक मार्ग पर बसा यह क्षेत्र सदैव ही महत्वपूर्ण रहा है. इतिहास के विभिन्न कालखण्डों में यह क्षेत्र – महेश्वर के हैहय, मालवा के परमार, असीरगढ़ के अहीर, माण्डू के मुस्लिम शासक, मुगल तथा पेशवा व अन्य मराठा सरदारों – होल्कर, शिंदे, पवार – के साम्राज्य का हिस्सा रहा है.
यहां के सियासी इतिहास की बात की जाए तो यहां की जनता ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को बराबर मौका दिया है. इस शहर में किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. हालांकि बीते तीन चुनावों से यहां पर बीजेपी दर्ज करते आई है. कांग्रेस ने इस सीट पर आखिरी बार जीत 1998 में दर्ज की थी. यहां पर 7 बार कांग्रेस तो 4 बार बीजेपी को जीत मिली है.
फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और बालकृष्ण पाटीदार यहां के विधायक हैं. बता दें कि बालकृष्ण पाटीदार 2003 से ही खरगोन के विधायक हैं.
2013 और 2008 के नतीजे
2013 के चुनाव में बीजेपी के बालकृष्ण पाटीदार ने कांग्रेस के रवि रमेश चंद्र जोशी को 6 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. इस चुनाव में बालकृष्ण पाटीदार को 74519 वोट मिले थे तो वहीं रवि रमेश चंद्र जोशी को 67694 वोट मिले थे.
2008 के चुनाव की बात करें तो इस बार भी बालकृष्ण पाटीदार ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस के रामलाल सिताराम पाटीदार को 24 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. बालकृष्ण को इस चुनाव में 59693 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस के रामलाल सीतराम को 34943 वोट मिले थे.
2013 में राज्य में क्या थे चुनावी नतीजे
मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.