दावोस पर छाया भारत का रंग, पीएम मोदी ने CEOs से की इन खास मुद्दों पर बात
स्विट्जरलैंड में बर्फ की पहाडि़यों से घिरे दावोस में फिलहाल हर ओर भारत के नजारे दिख रहे हैं। एक समय में स्वास्थ्य पर्यटन और स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध यह शहर वर्तमान में दुनिया के सबसे संभ्रांत लोगों के जमावड़े का स्थान बना हुआ है। एक हफ्ते तक यहां दुनिया के बड़े-बड़े नेता और अर्थशास्त्री विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में हिस्सा लेंगे।
इस समय शहर की ऊंची-ऊंची इमारतों के ऊपर और चलती-फिरती बस पर हर तरफ सिर्फ भारत और भारतीय कंपनियों के विज्ञापन ही दिख रहे हैं। संकरी सड़कों के इस शहर के रास्ते और संकरे हो गए हैं, क्योंकि हिमपात चरम पर है, जिससे सड़क के दोनों ओर बस बर्फ ही बर्फ ही दिख रही है। यहां चाय और पकौड़े की मांग सबसे ज्यादा बनी हुई है, वहीं बड़ापाव और डोसा भी लोगों के बीच विशेष पसंद किया जा रहा है।
इस दौरान पीएम मोदी ने भी वहां के मौसम का लुत्फ उठाया। पीएम मोदी ने दावोस से अपनी एक तस्वीर सोशल मीडीया पर शेयर की है। इस तस्वीर में पीएम मोदी बर्फबारी का आनंद उठाते हुए दिख रहे हैं। पीएम ने फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा- वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए स्विटजरलैंड में हूं। जहां मैं विश्व के नेताओं, व्यापार के क्षेत्र के विशेषत्रों से मुलाकात करूंगा। मैं भारत में विभिन्न आर्थिक संभावनाओं के बारे में चर्चा करूंगा।’
भारत सरकार ने तो यहां अपना लाउंज बनाया ही है, साथ ही आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने भी यहां अपने केंद्र बनाए हैं। वहीं वैश्विक कंपनियों से अलग कुछ भारतीय कंपनियों ने भी अपने केंद्र यहां स्थापित किए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की बैठक में दुनिया की टॉप बिजनस कंपनियों के चीफ एग्जिक्युटिव ऑफिसर्स (सीईओ) की राउंड टेबल मीटिंग की मेजबानी की। उन्होंने बताया कि भारत का मतलब बिजनेस होता है और भारत में ग्लोबल बिजनेस के लिए काफी आकर्षक मौके उपलब्ध हैं। पीएम मोदी ने दुनिया भर के सीईओ के सामने भारत के विकास की कहानी बयां की। उनके साथ विजय गोखले, जय शंकर और रमेश अभिषेक समेत वरिष्ठ सरकारी अधिकारी थे। राउंड टेबल मीटिंग में ग्लोबल कंपनियों के 40 सीईओ और भारत के 20 सीईओ ने शिरकत की।
डब्ल्यूईएफ की 48वीं सालाना बैठक में कारोबार, राजनीति, कला, अकादमिक और सिविल सोसायटी से विश्व के 3,000 से भी अधिक नेता भाग ले रहे हैं। इसमें भारत से 130 से भी अधिक लोग शामिल हैं। 1997 में एच.डी. देवगौड़ा की यात्रा के बाद करीब 20 वर्षों में दावोस बैठक में शामिल होने वाले मोदी पहले भारतीय पीएम हैं।