मल्लिकार्जुन खरगे के गृह क्षेत्र गुरमितकल में RSS के रूट मार्च को मिली अनुमति

कर्नाटक के यादगीर जिले के गुरमितकल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को पथ संचलन निकालने की अनुमति मिल गई है। यह इलाका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गृह क्षेत्र माना जाता है। प्रशासन ने बुधवार को आदेश जारी कर 1 नवंबर (शुक्रवार) को होने वाले इस मार्च के लिए मंजूरी दी। यह आयोजन आरएसएस की शताब्दी वर्षगांठ के मौके पर हो रहा है। यादगीर जिला प्रशासन ने पथ संचलन की मंजूरी देते समय 10 सख्त शर्तें लगाई हैं। आरएसएस के पथ संचलन के लिए क्या हैं शर्तें? आरएसएस स्वयंसेवकों को तय मार्ग से ही गुजरने की अनुमति होगी। ऐसा कोई नारा नहीं लगाया जाएगा जिससे किसी जाति या धर्म की भावना आहत हो। शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली किसी भी गतिविधि पर पूरी तरह रोक रहेगी। जुलूस के दौरान सड़कें नहीं रोकी जाएंगी, दुकानें जबरन बंद नहीं करवाई जाएंगी। किसी भी स्वयंसेवक को घातक हथियार या डंडा (लाठी) लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई नियम तोड़ा गया, तो आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और नुकसान की भरपाई भी उन्हें करनी होगी। पथ संचलन के लिए तय किया गया रास्ता आरएसएस के मार्च का जो रास्ता तय किया गया है, उसमें सम्राट सर्कल, एपीएमसी सर्कल, हनुमान मंदिर, मराठवाड़ी, पुलिस स्टेशन रोड, मिलन चौक और सिहिनेहरू बावी मार्केट मेन रोड से होते हुए राम नगर में इसका समापन होगा। पथ संचलन के दौरान पूरे मार्ग पर पुलिस बल तैनात रहेगा। खरगे परिवार का विरोध पथ संचलन की अनुमति ऐसे समय पर दी गई है जब राज्य मंत्री प्रियांक खरगे, जो मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे हैं, ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में आरएसएस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि, ‘आरएसएस सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर शाखाएं लगाकर बच्चों और युवाओं में नकारात्मक विचार भर रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा था कि सरकारी कर्मचारी अगर ऐसे आयोजनों में भाग लेते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। गुरमितकल से आठ बार विधायक चुने गए थे खरगे इसके बाद राज्य कैबिनेट ने निर्णय लिया कि सरकारी संपत्ति पर किसी भी संगठन को कार्यक्रम करने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। हाल में कुछ सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस के पथ संचलन में भाग लेने पर निलंबित भी किया गया था। कांग्रेस प्रमुख, जो वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं, आठ बार गुरमितकल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। लाठी की अनुमति पर सस्पेंस अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि शुक्रवार के पथ संचलन में स्वयंसेवकों को लाठी लेकर चलने की अनुमतिदी जाएगी या नहीं। आरएसएस ने प्रशासनिक अड़चनों के बावजूद आखिरकार इस ऐतिहासिक आयोजन की मंजूरी हासिल कर ली है, लेकिन अब नजर इस पर है कि आयोजन कितनी शांति के साथ होता है।
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