शटडाउन से लाखों कर्मचारियों को नहीं मिलेगी सैलरी, व्हाइट हाउस भी अछूता नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की पहली सालगिरह से पहले ही देश में शटडाउन के साथ एक नया आर्थिक संकट उठ खड़ा हुआ है। इसकी वजह सरकार के एक अहम विधेयक का सदन में पास न होना है। दरअसल सरकारी खर्चों को लेकर एक अहम आर्थिक विधेयक को संसद में मंजूरी नहीं मिल सकी, जिसके कारण वहां सरकार को ‘शटडाउन’ करना पड़ा है। इस शटडाउन का असर सीधेतौर पर वहां के कई सरकारी विभागों पर देखने को मिल सकता है। इस शटडाउन की वजह से कई सरकारी विभाग बंद करने पड़ सकते हैं और लाखों कर्मचारियों केा बिना सैलरी के घर बैठना पड़ सकता है। कुल मिलाकर यह है कि इसका असर अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा।इस स्थिति को रोकने के लिए ट्रंप डेमोक्रेट सीनेटर चक शुमर के साथ बैठक के बावजूद वह शटडाउन को नहीं रोक सके। इससे उनकी डीलमेकर की छवि को धक्का पहुंचा है।
शटडाउन के लिए डेमोक्रेट पार्टी जिम्मेदार
व्हाइट हाउस ने शटडाउन के लिए डेमोक्रेट पार्टी को जिम्मेदार बताया है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति बनने से पहले जुलाई 2016 में ट्रंप ने कहा था, ‘मुझसे बेहतर सिस्टम को कोई नहीं जानता है जिसे मैं अकेले ठीक कर सकता हूं।’ उन्होंने अमेरिका में पूर्व में हुए शटडाउन को व्हाइट हाउस में बैठे व्यक्ति की गलती करार दिया था। उन्होंने फॉक्स एंड फ्रेंड से बातचीत में 2013 के शटडाउन के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था, ‘समस्या शीर्ष से शुरू होती है और शीर्ष को ही इसका हल करना होता है। राष्ट्रपति नेता और प्रमुख होता है। प्रमुख को नेतृत्व करना होता है।’
व्हाइट हाउस के कर्मियों पर मार
अमेरिका में शटडाउन के असर से राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस भी अछूता नहीं रहेगा। इसके चलते वहां बहुत कम कर्मचारी काम पर रह जाएंगे। इसके अलावा अमेरिका के कुछ विभागों में कर्मचारी नहीं होंगे तो कई में आंशिक रूप से कामकाज होगा।1ट्रंप प्रशासन ने बताया कि ह्वाइट हाउस के 1,715 कर्मचारियों में से 1,000 कर्मचारी अवकाश पर भेजे जाएंगे। हालांकि राष्ट्रपति को संवैधानिक कार्य पूरा करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध होंगे। इनमें वल्र्ड इकोनोमिक फोरम में राष्ट्रपति के हिस्सा लेने के लिए दावोस यात्र की योजना से जुड़े कर्मचारी शामिल रहेंगे। इसके अलावा न्याय विभाग के 115,000 कर्मचारियों में से करीब 95,000 कर्मचारी ही काम पर रह जाएंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट समेत संघीय कोर्ट में बिना अतिरिक्त फंडिंग के करीब तीन हफ्ते तक कामकाज जारी रह सकता है।
पांच दशकों में पांचवीं बार शटडाउन की नौबत
आपको बता दें कि अमेरिकी इतिहास में यह पहला मौका नहीं है, जब सरकार को शटडाउन से जूझना पड़ा हो। अमेरिका को पांच दशकों में पांचवीं बार इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले अक्टबूर 2013 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान भी दो हफ्तों तक संघीय एजेंसियों को बंद करना पड़ा था। उस वक्त 8 लाख कर्मचारियों को बिना वेतन के घर बैठना पड़ा था। इसके अलावा 1981, 1984, 1990 और 1995-96 में भी अमेरिका में शटडाउन की नौबत आ चुकी है।
विधेयक को लाने की वजह
आपको बता दें कि अमेरिका में एंटी डेफिशिएंसी एक्ट लागू है, जिसमें फंड की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। सरकार फंड की कमी पूरा करने के लिए एक स्टॉप गैप डील लाती है, जिसे अमेरिका की प्रतिनिधि सभा और सीनेट, दोनों में पारित कराना जरूरी होता है। जिस विधेयक के पास न होने की वजह से शटडाउन की समस्या आई है वह बिल प्रतिनिधि सभा से तो पारित हो गया था, लेकिन सीनेट में यह अटक गया।
ट्रंप के मुताबिक अच्छी स्थिति में है देश
शटडाउन के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को देश की स्थिति बेहतर दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अब तक की सबसे अच्छी स्थिति में है और देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह बात अपने कार्यकाल के एक साल पूरा होने की पूर्व संध्या पर कही है। गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछले साल 20 जनवरी को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए व्हाइट हाउस से नेशनल मॉल में ‘मार्च फॉर लाइफ’ के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिए हुए एक वर्ष पूरा हो रहा है। हमारा देश काफी अच्छा कर रहा है। उनका कहना था कि उनकी नीतियां अमेरिका की बेहतरी के लिए काम कर रही है। उनके मुताबिक इस कार्यकाल में नौकरी से लेकर देश में आने वाली कंपनियों और स्टॉक मार्केट सवार्धिक ऊंचाई पर हैं। इस दौरान उन्होंने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 17 सालों में बेरोजगारी सबसे नीचले स्तर पर है।