आनंद मोहन की जेल से रिहाई के खिलाफ याचिका पर नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने जवाब के लिए दिया और समय

बिहार के बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने नीतीश सरकार को फौरी राहत देते हुए इस मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया है। आईएएस जी कृष्णैया हत्याकांड में उनकी पत्नी उमा देवी ने बिहार सरकार द्वारा आनंद मोहन को समय से पहले जेल से रिहा करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

दिवंगत आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में 8 मई को पहली बार सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने नीतीश सरकार समेत अन्य को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।

बता दें कि जी कृष्णैया की 1994 में मुजफ्फरपुर जिले में भीड़ ने हत्या कर दी थी। उस वक्त वे गोपालगंज के डीएम थे। वह अपनी सरकारी गाड़ी में सवार होकर हाजीपुर से गोपालगंज जा रहे थे, तभी उनपर हमला किया गया। आनंद मोहन और उनके समर्थकों पर हत्या के आरोप लगे। अदालत ने आनंद को दोषी पाया और फांसी की सजा सुनाई थी।

हालांकि, 2008 में पटना हाईकोर्ट ने आनंद मोहन की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। इसी साल अप्रैल महीने में नीतीश सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ किया। इसके बाद 28 अप्रैल को वे जेल से बाहर आ गए।

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