जानें कैसे होते है खसरा के लक्षण..

मीज़ल्स बचपन में होने वाला एक इन्फेक्शन है, जो वायरस के कारण होता है। इसे हिन्दी में खसरा भी कहा जाता है, जो एक समय में आम बीमारी थी, हालांकि, अब इससे वैक्सीन की मदद से बचा जा सकता है। मीज़ल्स और खसरा के अलावा इसे रुबेला के नाम से भी जाना जाता है, जो आसानी से फैलता है और बच्चों की जान पर ख़तरा बन जाता है। हालांकि, दुनिया भर में इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा कम हुआ है, लेकिन हाल ही में मुंबई में आए इसके मामलों और एक बच्चे की मौत ने चिंता बढ़ा दी है।

 कैसे होते हैं इसके लक्षण?

वायरस के संपर्क में आने के 10 से 14 दिनों में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। आइए जानें इसके लक्षणों के बारे में:
  • बुखार
  • सूखी खांसी
  • नाक का बहना
  • गले में खराश
  • आंखों में सूजन, जलन या फिर कंजंक्टिवाइटिस
  • मुंह के अंदर गालों में सफेद धब्बे होना
  • शरीर पर रैशेज़ हो जाना।
  • यह संक्रमण दो से तीन हफ्तों में चरणों में बढ़ता है।

कैसे होती है शुरुआत?

  • मीज़ल्स की शुरुआत हल्के या मध्यम बुखार के साथ होती हैं। जिसमें लगातार खांसी, नाक का बहना, कंजंक्टिवाइटिस और गले में खराश भी हो सकती है। हल्की बीमारी दो से 3 दिनों तक रह सकती है।
  • बीमारी का बढ़ना और रैश दिखना शुरू होते हैं। शरीर पर लाल रंग के छोटे धब्बे दिखते हैं, जो उठे हुए होते हैं। सबसे पहले चकत्ते चेहरे पर नज़र आते हैं।
  • अगले कुछ दिनों में रैश हाथों, सीने और पीठ के बाद जांघ और पैरों पर फैलना शुरू होते हैं। इसी समय बुखार भी तेज़ होने शुरू हो जाता है, जो 104 और 105 तक पहुंच सकता है।

 रिकवरी में कितना समय लगता है?

मिज़ल्स में होने वाली रैश 7-8 दिनों तक रह सकती है। ये चकत्ते पहले चेहरे और फिर आखिर में जांघ और पैरों से जाना शुरू होते हैं। लगभग सभी लक्षण जाने लगते हैं, सिर्फ खांसी और त्वचा पर निशान जानें में 10 दिन लग सकते हैं।

खसरा कब फैलता है?

  • अगर आपके बच्चे में खसरे के लक्षण दिख रहे हैं, तो उसे आइसोलेट करें और दूसरों से न मिलने दें।
  • बच्चे के बर्तन, चादर और तौलिया जैसी चीज़ों को भी अलग रखें।
  • खसरा से संक्रमित व्यक्ति लगभग 8 दिनों तक वायरस को फैला सकता है। रैशेज़ के दिखने से 4 दिन पहले से लेकर जब तक रैशेज़ रहते हैं, यानी 4-5 दिनों तक, संक्रमण फैल सकता है।
  • लक्षण दिखने से पहले आपका बच्चा दूसरे बच्चों से मिला था, तो मीज़ल्स के बारे में उसके परिवार को भी जानकारी दे दें, ताकि वे समय रहते एहतियात बरत सकें।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

बच्चे के शरीर पर चक्कते या फिर उसे बुखार आए, तो बिना देर किए डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।
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