भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वदेश के लिए रवाना
ASEAN-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वदेश के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा एक संक्षिप्त लेकिन बहुत ही उपयोगी यात्रा के बाद कंबोडिया से प्रस्थान।
विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार को ASEAN-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद स्वदेश के लिए रवाना हो गए।जयशंकर ने ट्विटर पर कहा, एक संक्षिप्त, लेकिन बहुत ही उपयोगी यात्रा के बाद कंबोडिया से प्रस्थान।
Departing Cambodia after a brief, but very productive visit. Here are some highlights: pic.twitter.com/adf6iKrA2g
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 5, 2022
बता दें कि जयशंकर ASEAN-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए बुधवार को कंबोडिया पहुंचे थे। वहीं, गुरुवार को जयशंकर ने कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ बातचीत की और दोनों ने एक दूसरे के साथ अपने अपने विचारों को साझा किया।
जयशंकर ने ट्वीट किया, मुझे रिसीव करने के लिए कंबोडिया के पीएम हुन सेन का शुक्रिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी तौर पर बधाई दी। हमारे कोविड सहयोग पर उनके गर्मजोशी भरे शब्दों की सराहना की। हमारी आर्थिक, विकास, रक्षा और सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ाने पर चर्चा की। विरासत संरक्षण पर हमारी निरंतर सहायता का आश्वासन दिया। क्षेत्रीय विकास पर उनके विचारों को महत्व दिया।
Thank PM Hun Sen of Cambodia for receiving me. Conveyed personal greetings of PM @narendramodi.
Appreciated his warm words on our covid cooperation. Discussed enhancing our economic, development, defence and cultural partnership. pic.twitter.com/QY73TEav56
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 4, 2022
वहीं, ASEAN-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक (ASEAN-India Ministerial Meeting) के अंतिम दिन, एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था।
At the ASEAN Foreign Ministerial Meeting in Phnom Penh.
Another reminder of our deep cultural connect. pic.twitter.com/epreaAPW6P
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 4, 2022
जयशंकर ने ASEAN कार्यक्रम के अलावा कई द्विपक्षीय बैठकें भी की। उन्होंने श्रीलंका के नव-नियुक्त विदेश मंत्री अली साबरी के साथ अपनी पहली बैठक की और द्वीप राष्ट्र की आर्थिक सुधार के लिए एक भरोसेमंद मित्र और विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।