
मध्य प्रदेश में रोजाना बढ़ते महिलाओं के प्रति अपराधों को ध्यान में रखते राज्य के परिवहन आयुक्त मुकेश कुमार ने सभी आरटीओ को निर्देश जारी किए हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले आवेदन कर्ता के चरित्र का सत्यापन किया जाए। यदि उसके खिलाफ महिलाओं के सम्बन्ध में कोई भी गंभीर अपराध दर्ज नहीं है तो ही लाइसेंस दिया जाए, साथ ही यदि कोई शख्स को गंभीर अपराध को अंजाम देता है तो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज होते ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।

जानकारी के अनुसार, सूबे की सरकार महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर ज्यादा संजीदा है और साथ ही इसे रोकने के लिए व्यापक कदम भी उठा रही है। इसी सम्बन्ध में प्रदेश के परिवहन आयुक्त ने सभी आरटीओ को लिखित निर्देश दिए हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले आवेदक का चरित्र जांचिए तब लाइसेंस जारी कीजिए। हालांकि इस तरह की कार्रवाई परिवहन विभाग, महिला द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद ही करेगा।
सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी क्रियान्वयन समिति पीटीआरआई पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद परिवहन आयुक्त ने इस संबंध में सभी आरटीओ को पत्र जारी किया है, ताकि महिला अपराध पर लगाम लगाई जा सके।
इसके साथ ही व्यवसायिक वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी से चरित्र सत्यापन कराने के बाद ही लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए हैं। अभी तक व्यवसायिक लाइसेंस बनवाने के लिए पुलिस विभाग के चरित्र प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं पड़ती थी।