नई गाइडलाइन के साथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने तैयारी: यूजीसी
इस दौरान 50 प्रतिशत छात्रों को ही एक बार में यहाँ बुलाने की अनुमति होगी। वहीँ विज्ञान प्रौद्योगिकी और रिसर्च को छोड़कर अन्य सभी पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन क्लास जारी रहेंगी।
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 7 महीने से बंद पड़े विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को खोलने के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। इस दौरान 50 प्रतिशत छात्रों को ही एक बार में यहाँ बुलाने की अनुमति होगी। वहीँ विज्ञान प्रौद्योगिकी और रिसर्च को छोड़कर अन्य सभी पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन क्लास जारी रहेंगी।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में आयोग द्वारा तैयार किए गए सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के दिशानिर्देश के अनुपालन के लिए संबंधित राज्य/ केंद्र सरकारें फैसला करेंगी।
नई गाइडलाइन के मुताबिक विश्वविद्यालय और कॉलेज कैंपस चरणबद्ध तरीके से खोले जा सकते हैं।
सभी शोध छात्रों और विज्ञान प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों के परास्नातक विद्यार्थियों को पहले कॉलेज बुलाया जा सकता है क्योंकि इनकी संख्या अन्य पाठ्यक्रमों के छात्रों से कम होती है। इसके अलावा अगर छात्र चाहें तो कक्षाओं में भाग न लेकर घर पर ही रहकर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं। यूजीसी के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले छात्रों को कैंपस में रहने, यूनिवर्सिटी या कॉलेज हॉस्टल में रूम साझा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, शिक्षा मंत्रालय इन चुनौतियों का डंटकर मुकाबला कर रहा है। यूजीसी ने बेहतर संकल्प और तमाम विकल्पों को ध्यान में रखते हुए अपने परिसरों को फिर से खोलने के नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इन दिशानिर्देशों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय द्वारा भी अप्रूव किया गया है।
यूजीसी के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य-
कोविड-19 के प्रसार को देखते हुए कंटेनमेंट जोन के बाहर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को खोलने के लिए राज्य और केंद्र शासित सरकारों से भी परामर्श लिया गया है। राज्य, केंद्र शासित प्रदेश के सरकारों के साथ परामर्श के बाद क्रमबद्ध तरीके से देशभर में शैक्षणिक संस्थानों को खोला जा सकता है। शैक्षणिक संस्थानों को खोलने के लिए यूजीसी के दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। जो महत्पपूर्ण फैसले किए गए हैं उनके अनुसार केंद्र से वित्तपोषित उच्च शिक्षा संस्थानों को खोलने के लिए पहले संस्था प्रमुख को स्वयं संतुष्ट होना होगा। सभी संस्था प्रमुखों को कक्षाओं को खोलने के लिए निर्णय लेने की छूट दी गई है।