कोरोना वायरस को मिटाने में मददगार साबित हो सकता है शाइकोकेन, इस तरह करता है काम
बेंगलुरु स्थित एक संगठन ने शाइकोकेन (स्केलेन हाइपरचार्ज कोरोना कैनन) नामक एक उपकरण बनाया है, जो कोरोना वायरस में मौजूद स्पाइक प्रोटीन को निष्प्रभावी बना देता है। इसके कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच कोरोना वायरस का प्रसार रुक जाता है। छोटे ड्रम के आकार के इस उपकरण के 99.9 फीसद प्रभावी होने का दावा किया जा रहा है। किसी भी गैर संक्रामक सतह पर लगाया जा सकता है। लैब टेस्ट में आया है कि एक उपकरण 10 हजार घन मीटर क्षेत्र को कवर कर सकता है। इस उपकरण को डी स्केलेन संस्था ने डिजाइन किया है। इसे 15 अगस्त को लांच किया गया।
इस तरह काम करता है उपकरण: यह उपकरण किसी भी आंतरिक स्थान पर सैंकड़ों की संख्या में इलेक्ट्रॉन छोड़ता है, जो कि खांसने और छींकने के कारण होने वाले वायरस के असर को बेअसर कर देते हैं। यहां तक कि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति उस स्थान पर आता है तो यह उपकरण सतह या हवा से वायरस के संचरण को बहुत कम कर देता है।
वायरस को बनाता है निशाना: निर्माताओं का दावा है कि उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन सिर्फ कोरोना परिवार के वायरस को लक्ष्य बनाते हैं। प्रयोगशाला अध्ययन में सामने आया है कि यह तकनीक ईको-फ्रेंडली बैक्टीरिया, फफूंद या अन्य सूक्ष्म जीवाणुओं को निशाना नहीं बनाती है। इस तरह से यह कोरोना वायरस को मिटाने के साथ ही आम लोगों के लिए सुरक्षित है।
अमेरिका और यूरोपीय यूनियन से उत्पादन और बिक्री की मिली मंजूरी: इसके आविष्कारक और ऑर्गेनाइजेशन डी स्केलेन और स्केलेन साइबरटिक्स लिमिटेड बेंगलुरु के चेयरमैन एवं चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. राजा विजय कुमार के मुताबिक, अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके उत्पादन और विपणन की इजाजत दी है। इसके साथ ही यूरोपीय यूनियन में अंडरराइटर्स लेबोरेटरी की देखरेख में सेफ्टी टेस्ट हुआ। भारत, अमेरिका, यूरोप और दक्षिण अफ्रीका की शीर्ष कंपनियां इसके बड़े पैमाने पर निर्माण की योजना में जुटी हैं।
19 हजार की है मशीन: फिलहाल इस मशीन की कीमत 19 हजार रुपए रखी गई है। अगले कुछ सप्ताह में यह भारत में भी नजर आने लगेगी। राजा विजय कुमार ने उम्मीद जताई है कि इसकी कीमत जल्द ही सस्ती होगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। मैडविन हेल्थकेयर ने भारत और दक्षिण अफ्रीका में इसके उत्पादन और विपणन के लिए समझौता किया है। मैडविन ने हाल ही में भारत में पहला उपकरण कोलकाता स्थित रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में लगाया। मेडविन हेल्थकेयर शाइकोकेन के उत्पादन और विपणन के लिए कुल पांच कंपनियों में से अधिकृत एक कंपनी है
उपचार नहीं, प्रसार रोकने का साधन: शाइकोकेन वायरस के प्रसार को कुशलता से रोकने में सक्षम है। हालांकि यह डिवाइस किसी संक्रमित व्यक्ति का उपचार नहीं कर सकता है। बावजूद इसके यह डिवाइस विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। ऑफिस, स्कूल, मॉल, होटल, एयरपोर्ट जैसी जगहों पर इस उपकरण को लगाया जा सकता है। इन जगहों पर यह उपकरण ‘सुरक्षित जोन’ का निर्माण करता है। खासतौर पर यह उन स्थानों के लिए उपयोगी है, जहां पर बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है।