1 अगस्त को है बकरीद, जानिए कैसे धरती पर आई थी पवित्र कु्रान
जल्द ही ईद का पर्व आने वाला है. आप जानते ही होंगे दो ईद मनाई जाती है. इनमे एक वह होती है जिसे मीठी ईद कहते हैं. वहीं दूसरी वह होती है जिसे बकरीद कहते हैं. ऐसे में इस बार आने वाली ईद बकरीद है. आपको बता दें कि बकरीद कुर्बानी का पैगाम देने वाली ईद मानी जाती है. ऐसे में इस बार बकरीद 1 अगस्त यानी शनिवार को है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस्लाम से जुडी कुछ ख़ास बातें. आइए जानते हैं.
कैसी धरती पर आई थी पवित्र कु्रान – जी दरअसल कुरान में वे आयतें यानी पद शुमार हैं, जो मुहम्मद साहब के मुंह से उस वक्त निकले जब वे पूरी तरह ईश्वरीय प्रेरणा में डूबे हुए थे. कहा जाता है इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार ईश्वर, ये आयतें देवदूतों के जरिए मुहम्मद साहब तक पहुंचाते थे. जी दरअसल इन पवित्र आयतों का संकलन ही कुरान कहा जाता है. कहते हैं कुरान की आयतें पैगम्बर को 23 सालों तक वक्त-वक्त पर हासिल हुईं, जिनको उन्होंने कभी लकड़ियों तो कभी तालपत्रों पर संकलित किया. इसी के साथ इन 23 सालों के दौरान पैगम्बर 13 साल पवित्र मक्का और 10 साल मदीने में रहे. कहा जाता है उनके बाद पहले खलीफा अबूबक्र ने मुहम्मद साहब की संकलित इन सारी आयतों का संपादन किया व पवित्र कुरान तैयार की, जो प्रामाणिक मानी जाती है.
इस्लाम क्या है – इस्लाम एक अरबी का शब्द माना जाता है. जी दरअसल इसका मतलब शांति को अपनाना या उसमें प्रवेश करना माना जाता है. वहीं इसी के कारण मुसलमान होने का मतलब उस व्यक्ति से है जो इंसान से लेकर परमात्मा तक, सभी के साथ पूरी तरह शांति व सुकूनभरा रिश्ता रखता हो. इसके अलावा इस्लाम धर्म का मूल स्वरूप यही है कि एक ऐसा धर्म, जिसके जरिए एक इंसान दूसरे इंसान के साथ प्रेम और अहिंसा से भरा व्यवहार कर ईश्वर की पनाह लेता है.