कासगंज जा रहे रालोद नेता अलीगढ में गिरफ्तार

एंकर–कासगंज जा रहे रालोद नेता अलीगढ में गिरफ्तार कर लिये गये । कासगंज हिंसा का सच जानने रालोद युवराज जयंत चौधरी के निर्देश पर  कासगंज जा रहे थे , इनमें रालोद के पांच पूर्व विधायको और नेताओं का प्रतिनिधिमंडल  अलीगढ में पत्रकार वार्ता  करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया । रालोद के पश्चिमी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ अनिल चौधरी, मुजफ्फर नगर के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री योगराज सिंह, भगवती प्रसाद ,त्रिलोकी राम दिवाकर, गेंदालाल चौधरी , छात्र नेता जियाउर्रहमान,  के साथ दर्जनो कार्यकर्ता  कासगंज जा रहे थे । रामघाट रोड स्थित एक रेस्टॉरेंट में मीडिया को संबोधित करते हुए नेताओं को पुलिस फोर्स ने घेर लिया ।

कासगंज जाने जैसे ही निकले सीओ पंकज श्रीवास्तव ने आगे जाने से मना कर दिया।  इस दौरान रालोद नेताओं की पुलिस से नोंक झौंक भी हुई । पूर्व विधायको सहित रालोद नेता जमीन पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । बाद में पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया और गाड़ी से थाना क्वार्सी ले आये ।  जहां भी रालोद कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की ।  पश्चिमी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष व प्रतिनिधि मंडल  का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक डॉ अनिल चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार कासगंज हिंसा के लिए दोषी है ।  भाजपा सांसद एटा राजू भैया पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। । राजू भैया के भड़काऊ भाषणों से हिंसा  फैली है । एक समुदाय को टारगेट कर भाजपा सांसद ने बयान दिए जो लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है । रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि घटना की सीबीआई जांच हो, भाजपा नेताओं पर कार्यवाही हो और आरएसएस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के साथ नाइंसाफी या ज्यादती की गई तो रालोद चुप नही बैठेगा । मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और घायलों को भी मुआवजा देने की मांग की । डॉ अनिल चौधरी ने यह भी कहा कि प्रशासन सत्ता के आगे बेबस है, सरकार लोकतंत्र का दमन कर रही है ।  मुजफ्फरनगर के पूर्व मंत्री चौधरी योगराज सिंह ने कहा कि हमने दंगे का दंश झेला है, दंगो से जनता बर्बाद होती है । उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर के बाद अब कासगंज को भाजपा ने दंगो की आग में झौंका है । हम कासगंज जाकर अमन का पैगाम देना चाहते हैं ।  प्रशासन भाजपा नेताओं को बचा रहा है,  योगीराज में तानाशाही चल रही है ।    उन्होंने कहा कि हिंसा की निष्पक्ष सीबीआई जांच हो तो हकीकत सामने आ जायेगी । कासगंज में जाने से रोकना भाजपा की तानाशाही का प्रमाण है ।   थाना क्वार्सी में नेताओं को हिरासत में रखा गया और फिर बाद में रिहा किया गया । 

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