सनराइजर्स हैदराबाद की इस गलती की वजह से CSK को मिला फाइनल का टिकट

नई दिल्ली. IPL-11 के पहले क्वालिफायर में सनराइजर्स हैदराबाद को हराकर चेन्नई सुपरकिंग्स ने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वानखेड़े पर चेन्नई को रोमांचक जीत नसीब कैसे हुई. वो भी तब जब पूरे मुकाबले के दौरान मैच सनराइजर्स की मुट्ठी में दिख रहा था. तो इसके पीछे वजह है सनराइजर्स के कप्तान का एक गलत फैसला, जिसकी वजह से चेन्नई ने ये मुकाबला 18वें ओवर में ही जीत लिया था बस इसे अमलीजामा 20वें ओवर की पहली गेंद पर पहनाया गया.

कप्तान की गलती से हारा हैदराबाद

अब जरा ये समझिए कि सनराइजर्स को अपने कप्तान केन विलियम्सन के गलत फैसले का शिकार कैसे होना पड़ा. दरअसल, CSK को जीत के लिए आखिरी के 3 ओवर यानी कि 18 गेंदों में जीत के लिए 43 रन चाहिए थे. ऐसे में हैदराबाद के कप्तान केन विलियम्सन ने पारी का 18वां ओवर कार्लोस ब्रेथवेट को दिया तब जबकि डेथ ओवर ओवर स्पेशलिस्ट भुवनेश्वर कुमार और सिदार्थ कौल के 1-1 ओवर बचे थे और यही पूरे मैच में शानदार कप्तानी करने वाले विलियम्सन की बड़ी चूक साबित हुई.

विलियम्सन को जहां अपने नंबर वन गेंदबाज भुवी को लगाकर चेन्नई पर दबाव बनाना चाहिए था वहां उन्होंने ब्रेथवेट को गेंद थमाकर CSK को 18वें ओवर में 20 रन दे दिए. जिसके बाद बाकी के 2 ओवरों में चेन्नई को जीत के लिए 23 रन बनाने रह गए और उन पर से सारा दबाव खत्म हो गया. इसके बाद तो CSK ने 19वें ओवर में 17 रन बनाए और फिर 20वें ओवर की पहली गेंद पर लॉन्ग ऑ पर छक्के के साथ गेम का खूबसूरत अंत किया.

केन के फैसले से हैरान क्रिकेट दिग्गज

18वां ओवर ब्रेथवेट से कराने के विलियम्सन के फैसले पर कमेंट्री बॉक्स में बैठे क्रिकेट पंडित भी हैरान थे. आशीष नेहरा से लेकर इरफान पठान और आकाश चोपड़ा तक सभी का यही मानना था कि ये विलियम्सन की सबसे बड़ी भूल रही. उन्हें 18वां ओवर ब्रेथवेट की जगह भुवी से कराना चाहिए था.

इस सीजन दूसरी बार किया ये कमाल

वैसे इस सीजन 3 ओवर में 43 रन बनाने का कमाल CSK ने इस सीजन वानकेड़े पर दूसरी बार किया है. इससे पहले 7 अप्रैल को खेले मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले IPL-11 के पहले मैच में भी चेन्नई को जीत के लिए आखिरी की 18 गेंदों पर 43 रन ही चाहिए और CSK ने वो मुकाबला जीता था. और, अब पहले क्वालिफायर में सनराइजर्स को भी उसने वैसी ही धूल चटाई है.

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