UPSC Result 2017: पढ़ाई के खातिर डेढ़ साल तक बेटे से रहीं अलग, अब हासिल की सेकंड रैंक
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2017 के फाइनल रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं. हैदराबाद के अनुदीप दुरीशेट्टी इस बार के टॉपर बने हैं. वहीं हरियाणा की अनु कुमारी ने इस परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. पहले प्रयास में प्री लिम्स की परीक्षा पास करने में सिर्फ एक नंबर से चूक जाने के बाद अनु ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए जी जान लगा दी. यहां तक कि वे अपने चार साल के बेटे से भी दूर रहीं. बेटे को मां के पास छोड़कर वो खुद अपनी मौसी के यहां रहने लगीं और यहां पर रोज करीब 10 से 12 घंटे पढ़ाई करतीं. आखिरकार उनकी ये मेहनत काम आई और इस बार वे यूपीएससी एग्जाम में दूसरा स्थान पाने में कामयाब रहीं.
डीयू ऑनर्स की डिग्री हासिल कर की एमबीए की पढ़ाई
सोनीपत के शिवा स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद अनु कुमारी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी फिजिक्स में ऑनर्स किया. इसके बाद वे नागपुर गईं जहां उन्होंने आईएमटी से एमबीए की डिग्री हासिल की. इसी के बाद से उन्होंने प्राइवेट कंपनी में काम करना शुरू कर दिया.
पढ़ाई के लिए छोड़ी नौकरी
अनु कुमारी पहले एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थीं. करीब नौ साल करने के बाद अनु का मन काम में लगना बंद हो गया. वे बताती हैं कि उन्हें लगता था कि वे कैसे समाज में किसी तरह से अपना सहयोग दे सकती हैं, ऐसा करना कंपनी में काम करने के दौरान संभव नहीं था. ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ी और यूपीएससी का एग्जाम दिया. दो महीने की तैयारी के बाद परीक्षा देने पर वे प्री लिम्स में सिर्फ एक नंबर से चूक गईं. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई पर और ध्यान देना शुरू कर दिया.
अनु बताती हैं कि उनके लिए परीक्षा को इस बार पास करना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि अगले साल वे इस परीक्षा की अधिकतम आयु सीमा को पार कर जातीं. ऐसे में उनके लिए मौके कम थे.
परिवार को समर्पित सफलता
अनु कुमारी अपनी सफलता को अपने परिवार को समर्पित करती हैं. उन्होंने बताया कि शादी और बच्चा होने के बाद भी जब उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया तो उनके ससुराल वालों से लेकर घरवालों ने भी पूरा सपोर्ट दिया. वो कहती हैं कि यही वजह है कि वो पढ़ाई पर ध्यान दे पाईं और परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की. अनु ने बताया कि वे आईएएस अफसर बनना चाहती हैं.
पिता ने कहा- मुझे गर्व है
अनु की सफलता पर अनु के पिता बलजीत सिंह को बड़ा गर्व है उन्होंने उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने उनका ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का नाम देश में रोशन किया है. बलजीत सिंह ने कहा कि ‘मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता.’ उन्होंने उम्मीद जताई की एक ईमानदार आईएएस अफसर बनकर अनु एक मिसाल कायम करेंगी.