
भारतीय तटरक्षक बल ने महाराष्ट्र और गोवा की तटरेखा पर दो दिवसीय तटीय सुरक्षा अभ्यास ‘सागर कवच-02/25’ आयोजित कर समुद्री सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक जांच की। 19 से 20 नवंबर तक चले इस अभ्यास में समुद्र से आने वाले संभावित खतरों और संवेदनशील तटीय ढांचों पर हमले जैसी स्थितियों का वास्तविक माहौल में परीक्षण किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तटीय सुरक्षा नेटवर्क की बहुस्तरीय व्यवस्था की क्षमता को परखना था।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस दो दिवसीय अभ्यास में 6,000 से अधिक कर्मियों ने हिस्सा लिया। 115 से अधिक समुद्री और हवाई संसाधनों की तैनाती की गई जिनमें भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के जहाज, डॉर्नियर विमान, चेतक हेलिकॉप्टर, एयर कुशन व्हीकल (एसीवी), मरीन पुलिस की बोट, कस्टम व सीआईएसएफ की नौकाएं, महाराष्ट्र मेरिटाइम बोर्ड के संसाधन तथा मछली विभाग की नावें शामिल थीं। इतने बड़े पैमाने पर तैनाती ने हर स्तर पर समन्वय का परीक्षण किया।
तटीय सुरक्षा नेटवर्क की मजबूती का आकलन
अभ्यास का उद्देश्य यह जांचना था कि सभी एजेंसियां तटीय आपात स्थितियों, संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर संभावित हमलों और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में कितनी तैयार हैं। अभ्यास में समुद्र और तट दोनों पर तैनात सुरक्षा इकाइयों की प्रतिक्रिया, संचार नेटवर्क, निगरानी और इंटरऑपरेबिलिटी का वास्तविक समय में मूल्यांकन किया गया।
केंद्रीय और राज्य एजेंसियों का बड़ा योगदान
अभ्यास में 19 केंद्रीय और 13 राज्य एजेंसियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इसके साथ ही एक प्रमुख बंदरगाह, 21 छोटे बंदरगाहों और जिला स्तरीय तटीय अधिकारियों ने समुद्री और तटीय दोनों मोर्चों पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। इन सभी एजेंसियों की भागीदारी ने अभ्यास को और व्यापक बनाया तथा उनकी संयुक्त कार्यक्षमता को प्रभावी ढंग से जांचा गया।
समुद्री और हवाई संसाधनों का व्यापक इस्तेमाल
अभ्यास में हवाई निगरानी से लेकर समुद्री गश्त तक हर स्तर पर संसाधनों का उपयोग किया गया। भारतीय नौसेना और तटरक्षक जहाजों ने समुद्र में सुरक्षा घेरा मजबूत किया, जबकि डॉर्नियर विमान और चेतक हेलिकॉप्टर ने आसमान से निगरानी की। एसीवी सहित कई उन्नत प्लेटफॉर्म तटीय इलाकों में तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए चलाए गए। इससे पता चला कि संकट के समय सभी एजेंसियां किस स्तर पर समन्वित कार्रवाई कर सकती हैं।
संचार और समन्वय हुआ मजबूत
अभ्यास से सुरक्षा एजेंसियों के बीच संपर्क, संचार नेटवर्क और ऑपरेशनल तालमेल में महत्वपूर्ण सुधार हुआ। तटीय सुरक्षा में शामिल सभी संस्थानों के बीच जानकारी साझा करने, संयुक्त ऑपरेशन करने और खतरे की पहचान करने की क्षमता में वृद्धि दर्ज की गई। यह अभ्यास तट सुरक्षा के संपूर्ण ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल साबित हुआ।
दोनों मोर्चों पर तैयारियों की पुष्टि
‘सागर कवच-02/25’ ने स्पष्ट किया कि समुद्री सुरक्षा तंत्र किसी भी आकस्मिक चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। व्यापक संसाधनों, बहु-एजेंसी भागीदारी और तेज प्रतिक्रिया क्षमता ने दिखाया कि तटीय सुरक्षा तंत्र न केवल मजबूत है बल्कि किसी भी संभावित समुद्री घुसपैठ को रोकने में सक्षम है। यह अभ्यास भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।