
बोहरा समाज के धर्म गुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन साहब गुरुवार सुबह इमाम हुसैन की शहादत पढ़ते वक्त गमगीन हो गए। अपने आका मौला को गमगीन देख हजारों की संख्या में मौजूद समाजजनों की आंखों से भी आंसू निकल आए।
धर्म गुरु मुंबई से अवन्तिका एक्सप्रेस से उज्जैन जाते वक्त कुछ समय के लिए गुरुवार सुबह रतलाम स्टेशन पर रुके। धर्म गुरु के आने का अधिकृत दौरा समाजजनों को एक दिन पहले ही मिल गया था। इसके हिसाब से प्लेटफार्म नंबर 4 के अंतिम छोर पर बने माल गोदाम पर व्यवस्था की गई थी। ट्रेन सुबह 5:30 बजे रतलाम आई प्लेटफार्म से लेकर माल गोदाम तक गरीब 300 फीट का रैंप बनाया गया था। जिस पर धर्मगुरु ने चलकर समाज जनों का आशीर्वाद दिया।
माल गोदाम परिसर में ही एक छोटा सा मंच बनाया गया था जिस पर धर्मगुरु को विराजमान रहे। समाजजनों को संबोधित करते हुए धर्मगुरु ने कहा कि आप जिस देश में रहते हो उस देश के लिए वफादार रहो। मोहर्रम आ रहा है। मोहर्रम के समय 10 दिन का इमाम हुसैन का गम करना है। इस दौरान उन्होंने इमाम हुसैन की शहादत भी पड़ी। यह पहला मौका था रतलाम से गुजरते वक्त धर्मगुरु ने स्टेशन परिसर में शहादत पढ़ी।
अपने आका मौला को देख मौला मौला बोलकर समाज जनों की आंखों में आंसू आ गए। हजारों की संख्या में पहुंचे समाज जनों के लिए समाज की पीआरओ कमेटी द्वारा प्लेटफार्म टिकट भी खरीदे गए। ट्रेन सुबह 5.49 बजे रतलाम से उज्जैन के लिए रवाना हुई। धर्म गुरु करीब 15 मिनिट समाजजनों के बीच मौजूद रहे।