जीने की राह : जिंदगी कितनी कीमती और खूबसूरत है, इन जगहों पर घूमने जरूर जाएं

तिरुअनंतपुरम के सागर किनारे बहुत देर से वह टहल रहे थे। कभी लहरों का पीछा करते तो कभी उससे बच निकलने को होड़ लगाते। बच्चों की तरह कहकहे लगा रहे थे वह। उनकी तरफ सबकी नजर इसलिए भी लगी हुई थी कि वह अच्छे-खासे बूढ़े थे। सफेद चेहरे पर झुर्रियां, चलने में तकलीफ, सिर पर चंद बाल, अकड़े हुए हाथ और पैर।

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