टिकटॉक को मिला नोटिस, इस मैसेंजर ने भी हटाए विडियो

चीन के शॉर्ट विडियो ऐप टिकटॉक के यूजर्स की तरफ से शेयरचैट ने  अपलोड किए गए कुछ विडियो को हटा दिया है. टिकटॉक ने इस बारे में शेयरचैट को नोटिस भेजा था, जिसमें कहा था कि इस विडियो कंटेंट पर उसका एक्सक्लूसिव राइट है. टिकटॉक ने ऐप और इसके क्रिएटर्स (विडियो बनाने वाले यूजर्स) के बीच कॉन्ट्रैक्चुअल एग्रीमेंट्स के आधार पर एक्सक्लूसिव राइट्स का दावा किया है.विडियो लिंक हटाने के लिए टिकटॉक ने भेजे थे नोटिस. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से 

टिकटॉक ने कहा है कि विडियो को दूसरे प्लैटफॉर्म से हटाने के लिए रिक्वेस्ट करने के साथ कानूनी कार्रवाई शुरू करने और कंट्रोल करने का पूरा अधिकार उसके पास है. मीउिया हाउस के पास टिकटॉक की तरफ से शेयरचैट को भेजे गए नोटिस की कॉपी है. शेयरचैट ने प्रवक्ता ने कहा है, ‘हम यह पुष्टि कर सकते हैं कि शेयरचैट को बाइटडांस टेक्नोलॉजीज से विडियो लिंक हटाने के लिए कई नोटिस मिले हैं और हमने उनका पालन किया है. बाइटडांस टेक्नोलॉजीज ने इस कंटेंट पर अपना मालिकाना हक बताने वाले लीगल कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं.’ टिकटॉक की मालिक चीन की स्टार्टअप बाइटडांस टेक्नोलॉजीज है. हालांकि, टिकटॉक ने इस बारे में मीउिया हाउस की तरफ से भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दिया है.फेसबुक और यूट्यूब पर भी टिकटॉक वीडियो मौजूद हैं. अभी यह पता नहीं चला है कि फेसबुक और यूट्यूब को ये वीडियो हटाने के लिए नोटिस मिले हैं या नहीं. एक मीडिया हाउस ने फेसबुक को कुछ सवाल भेजे थे, लेकिन उनका जवाब नहीं मिला है. कुछ टेक्नॉलजी एक्सपर्ट्स सवाल उठा रहे हैं कि क्या टिकटॉक के एक्सक्लूसिविटी क्लेम से इंटरमीडियरी स्टेटस पर असर पड़ सकता है, IT एक्ट के तहत सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स को इसका फायदा मिला हुआ है. प्लैटफॉर्म्स इस स्टेटस का इस्तेमाल यह दलील देने में करते हैं कि यूजर्स की तरफ से पोस्ट किए जाने वाले कंटेंट पर उनकी कोई लीगल लायबिलिटी नहीं है. इसी स्टेटस से टिकटॉक को अपने ऊपर लगे बैन के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में अप्रैल में दलील देने में मदद मिली थी. कोर्ट ने बच्चों के लिए खतरनाक कंटेंट को लेकर टिकटॉक पर बैन लगाया था.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि टिकटॉक के पास भारत में लगभग 20 करोड़ यूजर हैं. इनमें से करीब 12 करोड़ यूजर मासिक आधार पर एक्टिव हैं. भारत में टिकटॉक का मुकाबला मुख्यतौर पर फेसबुक और शेयरचैट से है. टेक्नॉलजी और पॉलिसी मामलों से जुड़े एक एडवोकेट ने कहा, ‘एक यूजर के साथ पार्टनर बनने पर आप इंटरमीडियरी नहीं रहते. आप कंटेंट तैयार करने में एक हिस्सेदार बन जाते हैं।’ एक दूसरे टेक्नॉलजी लॉयर ने कहा, ‘अगर कुछ गलत होता है तो यह कैसे पता चलेगा कि कंटेंट यूजर ने तैयार किया था या टिकटॉक की ओर से बनाया गया था.’

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