
वाहनों और खुद की सुरक्षा के नाम पर फोर व्हीलर में बंपर गार्ड लगवाने वालों को न तो नियमों की जानकारी है और न ही अपने जान की परवाह। हादसे के वक्त ये सुरक्षा गार्ड अधिक जानलेवा हो जाते हैं। यही वजह है कि केन्द्रीय सड़क और परिवहन मंत्रायलय ने वाहनों में बंपर गार्ड के इस्तेमाल को गैर कानूनी कर दिया है। लेकिन इन आदेशों का पालन जिले के लोग नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि इसकी जानकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी नहीं है।
बड़ी तादाद में हुईं सड़क दुर्घटनाओं में मौतों के कारणों का जब अध्ययन किया गया तो पता चला कि ज्यादातर मौतें वाहनों में बंपर गार्ड लगने के कारण ही हुई हैं। तकनीकी स्तर पर सेफ्टी टेस्ट कराए जाने पर पता चला कि वाहनों को कंपनियों द्वारा सेफ्टी मानकों के अनुरूप ही तैयार कराया जाता है और उसी के आधार पर उसमें सुरक्षा के फीचर लगाए जाते हैं, जिससे वाहनों में बैठे लोगों को हादसे के समय कम से कम नुकसान पहुंचे। इसमें एयरबैग सहित अन्य फीचर शामिल होते हैं।
ऐसे काम करता है एयरबैग
एयर बैग को इस हिसाब से लगाया जाता है कि वाहन में कितना झटका लगने पर वो खुलेगा। लेकिन बंपर गार्ड लगने की वजह से वाहन के तय स्थल पर झटका नहीं लग पाता है। इस स्थिति में हादसे के समय एयर बैग या तो खलता नहीं है या फिर विलंब से खुलता है। नतीजा वाहन में बैठै लोगों को गंभीर चोट लग जाती है या फिर उनकी मौत तक हो जाती है। दुर्घटनाओं के अध्ययन के बाद केन्द्रीय सड़ परिवहन मंत्रालय ने सुरक्षा गाइड लाइन जारी की। लेकिन जागरूकता के अभाव में वाहन स्वामी इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
वाहन कानून 1988 की धारा 52 का उल्लंघन
वाहन में बंपर लगाने को वाहन कानून 1988 की धारा 52 का उल्लंघन माना गया है। इसे लगाने वाले पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं। लेकिन जिले में यह शासनादेश हवा हवाई साबित हो रहा है। बड़ी तादाद में अफसरों, जनप्रतिनिधियों के फोर व्हीलर वाहन बंपर गार्ड के साथ सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
फैशन के चक्कर में लगाते हैं बंपर
लोग फोर व्हीलर का लुक चेंज करने और टशन में भी वाहनों में बंपर गार्ड लगाते हैं। हालांकि ज्यादातर लोग वालों की सुरक्षा के लिए गार्ड लगाते हैं, लेकिन उनकी ये नासमझी कभी कभी हादसे का बड़ा सबब बन जाती है।