PM आज बिहार दौरे पर, चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह का करेंगे समापन
पीएम नरेंद्र मोदी आज मोतिहारी में चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में करीब 20,000 स्वच्छाग्रही पहुंच रहे हैं.
पीएम मोदी इस दौरान दो घंटे शहर में रहेंगे. जानकारी के अनुसार करीब 10 हजार स्वच्छाग्रही बिहार से और बाकी देश के दूसरे हिस्सों से आएंगे. स्वच्छता अभियान के दूतों को यह नाम दिया गया है. मोतिहारी के गांधी मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित होगा.
सबसे पहले पीएम कलेक्ट्रेट मुख्य द्वार स्थित गांधी बाल उद्यान में गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मौजूद रहेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही पिछले साल चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की शुरुआत की थी.
इसके बाद सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी गांधी मैदान जाएंगे. पीएम 11 बजे से 1 बजे तक मोतिहारी में रहेंगे.
इन योजनाओं की होगी शुरुआत
पीएम इस दौरान कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. इसमें मोतीझील का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण व हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने के साथ रेलवे का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण शामिल है. साथ ही पटना के सैदपुर स्थित सीवरेज नेटवर्क, पटना के पहाड़ी स्थित एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पहाड़ी सीवरेज सिस्टम और पहाड़ी सीवरेज सिस्टम जोन का शिलान्यास शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय विधि व न्याय एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी आ रहे हैं.
प्रधानमंत्री मधेपुरा की लोकोमोटिव फैक्टरी को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. 12 हजार हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक रेल इंजन का लोकार्पण करेंगे. इसके साथ ही कटिहार से दिल्ली के बीच चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस का शुभारंभ और मुजफ्फरपुर से वाल्मीकिनगर रेल खंड में रेल लाइन के दोहरीकरण की परियोजना का भी शिलान्यास करेंगे.
यह है कार्यक्रम
10 बजे: पीएम मोदी विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचेंगे
10:05 बजे: पीएम मोदी हेलिकॉप्टर से मोतिहारी पहुंचेंगे
11 बजे: पीएम मोदी मोतिहारी पहुंचेंगे
1 बजे: पीएम मोदी मोतिहारी से पटना के लिए उड़ान भरेंगे
2 बजे: पीएम मोदी पटना वापस पहुंचेंगे
तैनात रहेंगे ब्लड ग्रुप(A+) वाले जवान
पीएम के ब्लड ग्रुप ए-पॉजिटिव होने की वजह से उनकी सुरक्षा में ए-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के जवानों की तैनाती भी की गई है. साथ ही अस्पतालों में भी इसकी व्यवस्था करने का आदेश दे दिया गया है. साथ ही आईजीआईएमएस को अलर्ट रहने को कहा गया है.
यह रहा है इतिहास
गौरतलब है कि साल 1917 में महात्मा गांधी ने चम्पारण में ही ब्रिटिश शासन का पहली बार विरोध करते हुए सत्याग्रह की शुरुआत की थी. किसानों से जबरन नील की खेती करने वाले अंग्रेजी शासन के आदेश के विरोध में यह सत्याग्रह शुरू हुआ था. किसानों को ब्रिटिश सरकार जबरन 15 प्रतिशत भू—भाग पर नील की खेती करने के लिए बाध्य कर रही थी, और 20 में से 3 कट्टे की फसल किसानों द्वारा यूरोपीय निलहों को देना होता था, जिसे तिनकठिया प्रथा कहा जाता था. 100 साल पूरा होने के मौके पर पिछले साल यानी 10 अप्रैल 2017 को चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की शुरुआत की गई थी. अब इस समारोह का समापन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. इस कार्यक्रम का नाम दिया गया है ‘सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह.’