बस्तर में हालात सुधरे, खतरे के निशान से नीचे आई इंद्रावती-शबरी
दो दिन तक मूसलाधार बारिश के बाद शुक्रवार को बस्तर में मौसम धूप-छांव वाला रहा। बारिश रुकने से नदी-नालों की बाढ़ उतरने लगी है। देर शाम तक इंद्रावती और शबरी नदियों का जलस्तर वार्निंग और डेंजर लेवल के बीच केंद्रित था। कोंडागांव जिले के बोदरा नाले में बुधवार को बहे युवक का शुक्रवार को शव मिल गया।
बड़ेराजपुर ब्लॉक में कोपरा और बहीगांव के बीच बहने वाली कोपरा नदी में बाढ़ के चलते 25 गांव टापू बन गए हैं। नारायणपुर जिले में शुक्रवार को बड़ेडोंगर जाने का मार्ग तो खुल गया, लेकिन ओरछा तक जाने के लिए सड़क पर चल रहा पानी उतरने में दो दिन और लगेंगे।
बस्तर में इंद्रावती का जलस्तर पुराने पुल में तड़के चार बजे डेंजर लेवल 8.300 मीटर से करीब एक मीटर ऊपर 9.280 तक पहुंच गया था। इसके बाद जलस्तर में कमी आना शुरू हो गई थी। बस्तर सीमा से लेकर बीजापुर के बीच इंद्रावती नदी में सबसे अधिक बाढ़ बीजापुर के पातागुड़म में देखी गई।
यहां जलस्तर डेंजर लेवल से दो मीटर ऊपर करीब 12 मीटर तक पहुंचा था, पर धीरे-धीरे सभी स्थानों में बाढ़ कम हो रहा है। बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जिले के कुछ इलाकों में बरसाती नालों में बाढ़ की स्थिति बनी रहने से अंदरूनी क्षेत्र के कुछ गांवों के अब भी मुख्य मार्ग से कटे होने की खबर है। खातीगुड़ा डैम से पानी छोड़ने की नौबत नहीं आई।