खाद्य मंत्री बोले- इसी सीजन में मैनपाट में शुरू होगी चाय की खेती

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि मैनपाट में चाय की खेती इसी सीजन से शुरू की जाएगी, इसके लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है। पहले चरण में प्रयोग के तौर पर चाय की खेती की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो व्यवसायिक तौर पर मैनपाट में भी चाय की खेती शुरू कराई जाएगी।

पहाड़ी आलू और विदेशी फसल टाउ की खेती के लिए मशहूर मैनपाट सरगुजा जिले के सीतापुर विधानसभा में आता है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत क्षेत्र से लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। ऐसे में वे क्षेत्र की जनभावनाओं के अनुरूप विकास और निर्माण कायोर् के साथ क्षेत्रवासियों को आय उपार्जक गतिविधियों से जोड़ने में लगे हैं। सोमवार को नईदुनिया से चर्चा में खाद्य मंत्री भगत ने कहा कि उन्हें जशपुर जिले का प्रभार मिला है। जशपुर जिले में व्यावसायिक तौर पर चाय की खेती की जा रही है, जो हम सभी के लिए बड़ी उपलब्धि है। पिछले दिनों जशपुर प्रवास के दौरान चाय की खेती का अवलोकन किया था, वहीं से विचार आया कि मैनपाट में भी चाय की खेती कराई जाएगी। जशपुर और मैनपाट का मौसम लगभग एक समान है।

इसलिए मैंने विशेषज्ञों से चर्चा की और मैनपाट में इसी सीजन से चाय की खेती शुरू करने का निर्देश दिया है। यदि मैनपाट में चाय की खेती सफल हुई तो इसकी अलग पहचान बनेगी और लोगों को रोजगार का नया अवसर भी मिलेगा। खाद्य मंत्री ने मैनपाट के पहुंचविहीन इलाकों में बारिश के सीजन में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर कहा कि परिस्थितियां बदल रही है। इन क्षेत्रों में सुलभ आवागमन की सुविधा वर्ष भर लोगों को मिल सके इसके लिए कार्ययोजना बनाकर उसे अमल में लाने का प्रयास किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए गए हैं।

चिकित्सकों कर्मचारियों को मौसमी बीमारियों के लिए अति संवेदनशील क्षेत्रों पर खास नजर रखने कहा गया है। मैनपाट क्षेत्र में नदी, नाले, पहाड़ और भौगोलिक परिस्थितियों से जो चुनौतियां हैं, उससे निपटने हमारी पूरी तैयारी है। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 ख हटाने पर प्रतिक्रिया में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन जहां तक देश की बात है, भारत के लिए सभी नागरिकों को एक साथ खड़ा होने की आवश्यकता है। खाद्य मंत्री पिछले तीन दिनों से सरगुजा प्रवास पर हैं और अपने विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ गांवों में जाकर लोगों से वे सीधा संवाद कर रहे हैं।

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