गर्मियों में बढ़ जाती है अस्थमा की प्रॉब्लम, रोगी रहें सतर्क

अस्थमा एक रोग है, जो श्वसन तंत्र से जुड़ा होता है। बदलते लाइफस्टाइल और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण अस्थमा रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कुछ लोगों का मानना है कि अस्थमा सर्दियों का रोग है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। गर्मियों में अस्थमा रोगी दवाओं और कई आवश्यक सावधानी बरतने में लापरवाही कर देते है, जिस वजह से इस मौसम में अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अगर इसके प्रति जरा सी भी लापरवाही बरती जाए तो अस्थमा रोगियों के लिए दिक्कत खड़ी कर सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताएंगे, जिससे गर्मियों में अस्थमा संबंधी प्रॉबल्म बढ़ सकती है।

 

1. सर्द-गर्म की समस्या

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सर्द-गर्म होने के कारण भी अस्थमा की शिकायत बढ़ती है। दरअसल, इस मौसम में हम लोग जरा सी गर्मी लगने पर एयर कंडीशन या अन्य माध्यम से शरीर को ठंडा रखते है, वहीं अस्थमा रोगी के अचानक से गर्म से एकाएक ठंड या ठंड से एकाएक गर्म में जाने से एलर्जी हो सकती है, जिससे अस्थमा अटेक की संभावना बढ़ सकती है।

 

2. धूल और प्रदूषण

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गर्मी के मौसम में धूल और प्रदूषण ज्यादा उड़ने व्यक्ति एलर्जी के साथ-साथ अस्थमा का शिकार भी हो सकता है, वहीं अस्थमा रोगी का कई दिक्कते आ सकती है। इस समस्या से बच्चे ज्यादा प्रभावित होते है।

 

3. मौसम में बदलाव
डॉक्टर के अनुसार मौसम में बदलाव आने से भी अस्थमा व्यक्ति को दिक्कत हो सकती है। मौसम बदलने से इंफैक्शन की समस्या रहती है, जिससे अस्थमा की समस्या भी बढ़ सकती है।

 

4. संक्रमण
प्रदूषण से व्यक्ति के गले व नाक में संक्रमण हो सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। वहीं अस्थमा मरीज को बड़ी प्रॉबल्म भी हो सकती है।

 

5. ठंडी चीजें खा लेना
चिलचिलाती धूप से आने के बाद बच्चे तुरंत ठंडा पानी याआइसक्रीम, बर्फ के गोले अन्य आदि खा लेते है, जिससे  खांसी, कफ व गले का इंफेक्शन हो जाती है। अस्थमा मरीज को इंफैक्शन के कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और कई बार स्प्रे का इस्तेमाल करना पड़ता है।

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