IPL 2019 MI vs CSK Qualifier 1: धौनी की सेना, तीन बड़े कारण जिनकी वजह से बुरी तरह फेल हुई…

आइपीएल-12 में मंगलवार को सभी फैन्स को उम्मीद थी कि चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच हुआ पहला क्वालीफायर मुकाबला बेहद रोमांचक होगा। लेकिन सबसे हाथ निराशा ही लगी। चेन्नई के चेपॉक में हुआ मैच बिल्कुल एक तरफा रहा। मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपर किंग्स को 6 विकेट से हराकर एक बार फिर फाइनल में जगह बनाई।

इस एकतरफा मैच में चाहे बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी और फील्डिंग, रोहित की मुंबई धौनी की चेन्नई पर हर तरह से भारी पड़ा। मुंबई ने बड़ी कसी हुई गेंदबाजी करते हुए चेन्‍नई के ‘किंग्‍स’ को 20 ओवर में 4 विकेट खोकर 131 रन पर रोक दिया। और फिर सूर्यकुमार यादव के अर्धशतक (नाबाद 71 रन, 54 गेंद, 10 चौके) की मदद से लक्ष्‍य 18.3 ओवर में महज चार विकेट खोकर ही हासिल कर लिया। चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस आइपीएल की दो सबसे सफल टीमें हैं। दोनों टीमें तीन-तीन बार आइपीएल ट्रॉफी पर कब्जा जमा चुकी हैं और चौथी बार जीतकर इतिहास रचना चाहती हैं। पहले क्वालीफायर में दोनों टीमें जानती थीं कि इस मैच में जीत से सीधे फाइनल का रास्ता साफ हो जाएगा। जाहिर है दोनों तरफ खिलाड़ियों में कुछ दबाव होगा लेकिन रोहित की कप्तानी में मुंबई अनुशासित रहते हुए जीत हासिल करने में कामयाब रही। तो चेन्नई सुपर किंग्स ने ऐसी क्या गलतियां की जिसकी वजह से उन्हें मैच गंवाना पड़ा:

टॉस जीतने के बाद चुनी बैटिंग-
चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम की पिच शुरू से ही विवादों में घिरी रही। यहां की पिच काफी धीमी है जिससे बल्लेबाजों के लिए बड़ा स्कोर बनाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए यहां हुए ज्यादातर मैचों में टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी ही चुनी। लेकिन मंगलवार को हुए पहले क्वालीफायर मुकाबले में कप्तान धौनी ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला कर सबको चौंका दिया।

बल्लेबाजों ने किया निराश-
धौनी के पहले बल्लेबाजी करने के फैसले को चेन्नई के बल्लेबाज भी सही साबित नहीं कर पाए। चेन्नई के बल्लेबाज एक बार फिर पॉवरप्ले का फायदा उठाने में नाकाम रहे और तीन विकेट गंवा दिए। पहले 6 ओवर में ही डू प्लेसी (6), वॉटसन (10) और रैना (5) ने सस्ते में विकेट गंवा दिए। धौनी ने मैच के बाद खुद माना कि उनके बल्लेबाज चेपॉक की पिच को पढ़ने में फेल हो गए। धौनी ने कहा, ‘हम अपने घर में खेल रहे थे, हमें पिच को जल्द ही समझ लेना था। हम इस मैदान पर 6-7 मैच खेल चुके थे, ऐसे में हमें पता होना चाहिए था कि पिच कैसा खेल रही है। क्या गेंद बल्ले पर आ रही है या नहीं। हमें अपने बल्लेबाजी में सुधार करने की जरूरत है।’ यहां तक कि चेन्नई के बल्लेबाजों के शॉट सेलेक्शन पर भी सवाल उठे। एक समय लगा कि चेन्नई अच्छी बल्लेबाजी कर रही है, फिर तभी ऐसे शॉट खेले गए जिनसे विकेट गंवाने पड़े।

चेन्नई की कमजोर फील्डिंग-
इसमें कोई शक नहीं कि छोटे स्कोर का बचाव करना किसी भी टीम के लिए मुश्किल होता है। हालांकि चेन्नई के गेंदबाजों ने पूरी कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए। इमरान ताहिर और रवींद्र जडेजा जैसे वर्ल्ड क्लास स्पिनर्स भी सूर्यकुमार को रोकने में नाकाम रहे। और जब टीम को विकेट लेने का मौका मिला तो कैच ड्रॉप किए गए। जडेजा की बॉल पर सूर्यकुमार स्लिप पर कैच आउट हो सकते थे लेकिन वॉटसन ने कैच छोड़ दिया। वहीं चाहर की गेंद पर सुर्यकुमार को कैच आउट करने का एक और मौका था। लेकिन एक बार फिर मुरली विजय कैच लेने से चूक गए और बॉल चौके के लिए चली गई। धौनी ने मैच के बाद कहा कि स्पिनर्स को गेंद थोड़ा बाहर डालनी चाहिए थी। हालांकि, कुछ गेंद सही लेंथ पर गिरी, तो हमने कैच छोड़ दिए।

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