शरद पवार से मिलने के बाद माया-अखिलेश से मिलने लखनऊ जाएंगी ममता
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खास मिशन पर दिल्ली में हैं. मिशन है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाले NDA को 2019 लोकसभा चुनाव में सशक्त चुनौती देने के लिए मजबूत फेडेरल फ्रंट खड़ा करना. संसद सत्र चलने के दौरान ही ममता ने रणनीति के तहत मंगलवार को अपना दिल्ली आने का कार्यक्रम रखा.
दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि वह अखिलेश यादव और मायावती से मिलने लखनऊ भी जा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर अखिलेश बैठक बुलाते हैं तो वह लखनऊ जा सकती हैं. मायावती और अखिलेश साथ आएं तो यह बड़ी बात होगी.’
साथ ही उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष स्तर के नेताओं से मुलाकात पर कहा कि सोनिया के बीमार होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन जल्द ही उनसे मुलाकात होगी. कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात पर ममता ने साफ किया कि उन्हें उनसे मिलने में किसी तरह की दिक्कत नहीं है.
इससे पहले ममता ने दिल्ली में मंगलवार को अपने दिन की शुरुआत संसद में अपनी पार्टी के सांसदों के साथ ही समान विचारधारा वाले विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात से की. वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने संसद में उनके कक्ष तक गईं. एनसीपी सूत्रों के मुताबिक शाम को शरद पवार और ममता बनर्जी के बीच विस्तार से बातचीत हो सकती है. इस महीने के शुरू में शरद पवार ने पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल को कोलकाता भेज कर ममता को डिनर के लिए न्योता दिया था.
एनसीपी सूत्रों की ओर से ये साफ किया गया है कि शरद पवार और ममता बनर्जी के बीच ही बातचीत होगी लेकिन पवार के घर पर तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं के डिनर जैसा कोई कार्यक्रम नहीं है.
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा है कि उनकी शुभकामनाएं ममता के साथ हैं. फारूक के मुताबिक वो ममता से मिलेंगे. फारूक ने ये कहा कि महागठबंधन वास्तविकता में बदलेगा. ममता बनर्जी ने डीएमके सांसद कनिमोझी से भी मुलाकात के दौरान उम्मीद जताई कि डीएमके तमिलनाडु की सत्ता में आएगी और इसके लिए उन्हें पूरा समर्थन है.
ममता के दिल्ली कार्यक्रम में एक उल्लेखनीय मुलाकात शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ मुलाकात करना भी रहा. शिवसेना एनडीए में होने के बावजूद तेवर दिखाती रही है. साथ ही ये भी साफ कर चुकी है कि वो 2019 में अगला चुनाव अकेले लड़ेगी.