उल्का विस्फोट 18 दिसबंर को बेरिंग सागर के ऊपर हुआ, हिरोशिमा हमले से 10 गुना अधिक निकली ऊर्जा

 नासा ने शुक्रवार को शक्तिशाली उल्कापिंड की सैटेलाइट इमेज जारी की हैं। यह उल्का विस्फोट 18 दिसबंर को बेरिंग सागर के ऊपर हुआ था जिस पर किसी ने महीनों तक ध्यान नहीं दिया। इस उल्का में 173 किलोटन के करीब ऊर्जा का विस्फोट हुआ जो कि द्वितीय विश्व युद्ध में हिरोशिमा पर परमाणु बम विस्फोट के मुकाबले दस गुना से भी अधिक है। उल्का के फट जाने के कुछ मिनट बाद की तस्वीरें ली गई हैं जिसमें बादलों के ऊपर उल्कापिंडों की एक के पीछे एक छाया दिखाई दे रही है।

उल्का की विस्फोट की वजह से हवा बहुत गर्म हो गई जिसने बादलों को नारंगी रंग में बदल दिया। यह तस्वीर ‘टेरा अंतरिक्ष यान’ पर स्थित नासा के दो उपकरणों द्वारा ली गई थीं। टेरा अंतरिक्ष यान को 1999 में लॉन्च किया गया था और इसे नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर द्वारा संचालित किया जाता है। टेरा द्वारा 2350 GMT पर एक छवि ली गई थी। जबकि नौ में से पांच कैमरों ने 2355 के क्रम से मल्टी-एंगल इमेजिंग स्पेक्ट्रो राडोमीटर (MISR) उपकरण से तस्वीरें लीं। जब नासा ने इन तस्वीरों को एक GIF में बदला तो पूरा वातावरण नारंगी रंग में नजर आया। नासा का अनुमान है कि उल्का विस्फोट 23:48 जीएमटी पर हुआ था।

उल्का बाहरी अंतरिक्ष की चट्टानें हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने घर्षण के परिणामस्वरूप टूट जाती हैं। उन्हें शूटिंग स्टार के रूप में भी जाना जाता है। जो टुकड़े बरकरार रहते हैं और जमीन से टकराते हैं, उन्हें उल्कापिंड के रूप में जाना जाता है। इस बार विस्फोट रूसी तट से सैकड़ों किलोमीटर दूर पानी के ऊपर हुआ। घटना की पहली तस्वीर एक जापानी मौसम उपग्रह द्वारा ली गई थी जिसे इसी सप्ताह प्रकाशित भी किया गया था।

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