कलेक्टर की गलती से महिला की जमीन पर बना दी सड़क, अब मिला ऐसा न्याय

एक महिला की जमीन पर सड़क निर्माण के मामले में कलेक्टर ने सरकार को गलत जानकारी दे दी। इसलिए महिला को निजी जमीन पर बनाई गई सड़क का मुआवजा नहीं मिल सका है। पटवारी रिकॉर्ड के बी-1 में महिला का नाम दर्ज होने के बावजूद कलेक्टर ने सरकार से कहा था कि महिला के नाम पर जमीन नहीं है। इसलिए प्रकरण को निरस्त किया जाए।

जमीन का यह मामला ठ-र बापा वार्ड के तुलसीनगर का है जहां पर श्रीमती दुर्गा देवी गुप्ता को आपसी बंटवारे में 936 वर्गफीट जमीन मिली थी। उक्त जमीन पर नगर निगम ने 20 साल पहले सड़क निर्माण किया था। लेकिन दुर्गा देवी गुप्ता को मुआवजा नहीं दिया गया। इस मामले को लेकर महिला की ओर से हाईकोर्ट में रिट पिटीशन लगाया गया था जिस पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेशित किया था कि जमीन का मुआवजा दिया जाए या सड़क उखाड़कर उक्त जमीन महिला को वापस लौटाई जाए।

इस पर निगम प्रशासन ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया था। तब हाईकोर्ट ने जमीन लौटाने का आदेश पारित किया था। तब निगम प्रशासन ने कांक्रीट को तोड़कर जमीन का कब्जा लौटा दिया। महिला का कहना है कि उक्त जमीन पर वह मकान नहीं बना सकती। क्योंकि वह आम रास्ता बन गया है और न ही जमीन बेच सकती है। ऐसी स्थिति में उसे केवल मुआवजा दिया जाना चाहिए।

जमीन का कब्जा लौटाने के बाद से तुलसीनगर के हजारों लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ये रास्ता बंद होने के बाद आम लोगों को दो किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। इसलिए ठ-र बापा वार्ड पार्षद अन्नूराम साहू ने जनहित में महिला को मुआवजा दिलाने और जमीन को यथावत रखने अभियान चलाया है। आम लोगों का हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन नगर निगम के आयुक्त, पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय और महापौर को भेजा है।

महिला ने जमीन का मुआवजा के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी। तब मुख्यमंत्री ने 1 मार्च 2017 को तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी को जांच के लिए निराकृत करने लिखा था। कलेक्टर ने बी-1 में नाम देखे बिना ही लिखा था कि जमीन आवेदिका दुर्गादेवी गुप्ता के नाम पर नहीं है। बल्कि उनके रिश्तेदारों के नाम पर है।

इसलिए मुआवजा का प्रतिवेदन समय सीमा से विलोपित करने का आदेश जारी कर दिया था। जबकि दुर्गादेवी को उक्त जमीन खसरा नंबर 645 पहन-107 ग्राम गुढिय़ारी आपसी बंटवारा में मिला था और बी-1 में उनका नाम भी दर्ज है।

कलेक्टर ने यह भी गुमराह किया था कि उक्त जमीन पर नगर निगम द्वारा 20 वर्षो पूर्व सरकारी जमीन मानकर सड;क निर्माण कराया गया था और भू-स्वामियों द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई थी। जबकि भू-स्वामिनी दुर्गा देवी गुप्ता उत्तर प्रदेश में रहती है। रायपुर में उनके भाइयों ने निगम प्रशासन के सामने आपत्ति दर्ज की थी और मुआवजा देने की मांग भी किया था। इस मांग को निगम प्रशासन ने नजरअंदाज कर दिया।

जमीन का मुआवजा महिला को दिया जाए। इसके लिए महापौर, आयुक्त को ज्ञापन दिया गया है। इसी जगह पर पानी का पाइपलाइन बिछाने की स्वीकृति मिली है। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद उक्त जमीन पर कोई काम नहीं किया जा सकता है। इससे हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। – अन्नूराम साहू, पार्षद एवं जोन अध्यक्ष जोन क्रमांक-1, खमतराई

E-Paper