पश्चिम बंगाल में योग्य प्रत्याशियों की तलाश में BJP, शुरू हुई गठजोड़ की राजनीति

लोकसभा चुनाव के पहले विरोधी दल यानि तृणमूल के एक के बाद नेता को अपनी पार्टी में शामिल करने में जुटी है. खासकर इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बंगाल को ही अपने मुख्य निशाने पर ले रखा है और पूरी तरह से एडी छोटी का जोड़ बीजेपी ने लगा दिया है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग उनकी पार्टी में शामिल हो सकें.

सबसे पहले तो पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर से सांसद सौमित्र खां, बोलपुर के सांसद अनुपम हज़रा ने अपना नाम तृणमूल से कटवा के बीजेपी में लिखवाया था. उसके बाद पश्चिम बंगाल के भाटपाड़ा के विधायक अर्जुन सिंह जिनको लेकर के राजनीती काफी गरमाई हुई थी उन्होंने भी बीजेपी में शामिल हो गए.

इन्हीं सब को देखते हुए सबसे सवाल यही उठ रहा है की क्या बीजेपी में प्रत्याशियों को लेकर के कोई दिक्कत तो नहीं? क्या बीजेपी को बंगाल में चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं ? बीजेपी क्यों प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने में इतनी देरी कर रही है? ये सारे सावल लोगों के दिमाग में रह रह कर उठ रहे हैं. शुक्रवार को पत्रकारों को एक प्रेस वार्ता के दौरान पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने यह बात आखिर कार मान ही ली की उनके पास सही प्रत्याशी नहीं है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस लोकसभा चुनाव में बंगाल में 22-23 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. शुक्रवार को दिलीप घोष की प्रेस वार्ता में उनका कुबूलनामा की यह बात सही है की जितने के लिए सही प्रत्याशी हमारे पास नहीं है और जो लोग बंगाल में परिवर्तन चाहते हैं वही लोग हमारे साथ जुड़ रहे हैं. जो लोग प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास के कार्य करना चाहते हैं उनके लिए हमारे दरवाज़े हमेशा से खुले हैं.

प्रेस वार्ता के दौरान दिलीप घोष ने यह भी दावा किया की करीब 300 आवेदन उनके पास पहुंचे हैं. जो लोग प्रत्याशी के तौर पर खड़े होना चाहते हैं. दिलीप ने कहा पार्टी में और भी 50 लोग हैं और अभी तक बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नाम की सूची नहीं निकाली है. दिलीप घोष का कहना है की एक दो दिन में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी. वहीं, दिलीप घोष ने तृणमूल के प्रत्याशी मिमी चक्रबर्ती और नुसरत जहान (दोनो टॉलीवूड अभिनेत्री ) को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. दिलीप ने कहा सौगत बासु कहा है मिमी कहा है और अगर ये लोग जीत जाएं तो क्या अब ऐसे लोग बंगाल का प्रतिनिधित्व करेंगे? यही तृणमूल की वर्तमान स्थिति है. हालांकि अब देखना यह है की बीजेपी बंगाल में विरोधी दल को तोड़ने के बाद भी कितना सफल होती है

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