17 साल पहले जब गांगुली ने कोलकाता में रोका था स्टीव वॉ का विजय रथ
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 15 मार्च का दिन बेहद खास है. 17 साल पहले आज ही के दिन टीम इंडिया ने कंगारुओं का गुरूर तोड़ा था. साल 2001 में 15 मार्च को ही भारत ने स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का टेस्ट क्रिकेट में लगातार 10वीं सीरीज जीतने के वर्ल्ड रिकॉर्ड का सपना चकनाचूर कर दिया था. उस समय भारतीय टीम की कमान सौरव गांगुली के हाथों में थी.
टीम इंडिया ने रचा इतिहास
17 साल पहले कोलकाता का ऐतिहासिक ईडन गार्डन्स मैदान इसका गवाह बना था. सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया उनके ही गृहनगर में खेल रही थी. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और पहली पारी में 445 रन बोर्ड पर लगा दिए. इसके बाद कंगारुओं ने टीम इंडिया को पहली पारी में 171 रनों पर ढेर कर दिया.
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने फॉलोऑन दिया. लेकिन वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की ऐतिहासिक पारी ने सभी समीकरण बदल दिए और भारत ने अपनी फॉलोआन पारी 657/7 पर घोषित कर दी.
पांचवें दिन कुल 376 रनों की भागीदारी के बाद लक्ष्मण 281 रनों की पारी खेलकर लौटे, जबकि द्रविड़ 180 रन बनाकर रन आउट हुए.
क्या हुआ 15 मार्च को टेस्ट मैच के निर्णायक दिन में?
भारत के पास 383 रनों की बढ़त थी. ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 384 रन बनाने थे, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कभी नहीं हुआ था. ऑस्ट्रेलिया ने 45 ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर 166 रन बना लिए थे. दिन के खेल में 30 ओवर और बचे थे. सबको लग रहा था कि मैच ड्रॉ हो जाएगा.
अब हरभजन सिंह के करिश्मे की बारी थी. उन्होंने स्टीव वॉ और रिकी पोटिंग को आउट कर ऑस्ट्रेलिया के पांच विकेट गिरा दिए. इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने एडम गिलक्रिस्ट, शेन वॉर्न और मैथ्यू हेडन को पवेलियन भेजकर भारत के लिए जीत की उम्मीद जगा दी. हरभजन सिंह ने बाकी बचे दो विकेट चटका दिए और ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 212 रन पर ढेर हो गई. भारत ने 171 रनों से मैच जीत लिया. इसके बाद चेन्नई में सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में जीत हासिल कर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में 2-1 से मात दे दी. इस मैच की पहली पारी में हरभजन सिंह ने रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को आउट कर यह उपलब्धि हासिल की.