भाजपा ओबीसी मोर्चा का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुक्रवार से पटना में

लोकसभा चुनाव की तैयारी को धार देने की कवायद के तहत भाजपा पिछड़ा वर्ग के बीच अपनी पैठ मजबूत बनाने पर खास जोर दे रही है और इसी उद्देश्य से रणनीति को अंतिम रूप देने के लिये 15 तथा 16 फरवरी को पटना में पार्टी के ओबीसी मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है।

बिहार प्रदेश भाजपा प्रमुख नित्यानंद राय ने भाषा को बताया कि ओबीसी मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन शुक्रवार से शुरू हो रहा है जिसका उद्घाटन गृह मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे । 16 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बैठक के दौरान समापन सत्र में मार्गदर्शन करेंगे 

अधिवेशन में देशभर के पांच हजार से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसमें पार्टी महासचिव एवं बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, संतोष कुमार गंगवार, धर्मेन्द्र प्रधान, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दारा सिंह चौहान, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी हिस्सा लेंगे।

राय ने कहा कि ओबीसी मोर्चा को संवैधानिक दर्जा देना नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की विशेष उपलब्धि है जो सबका साथ, सबका विकास में यकीन करती है और समाज के शोषित, वंचित, पीड़ित लोगों के कल्याण के लिये संकल्पित है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछडा वर्ग के साथ मजाक किया जब पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन तो किया लेकिन उसे संवैधानिक दर्जा नहीं दिया ।

बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि दलित पिछड़े नेताओं का अपमान करना और ओबीसी से जुड़ी संस्थाओं को मजबूत बनाने के मार्ग में बाधा डालना कांग्रेस और राजद जैसे दलों की परंपरा रही है। उन्होंने जोर दिया कि भाजपा ने सामाजिक न्याय के मार्ग को हमेशा मजबूत बनाने का काम किया है।

विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के संबंध में आरक्षण व्यवस्था का पालन नहीं किये जाने के आरोप के संबंध में राय ने कहा कि इस बारे में सरकार की नीति स्पष्ट है और राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सरकार उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका डाल चुकी है । अगर शीर्ष अदालत में याचिका खारिज होती है तब सरकार विधेयक या अध्यादेश लायेगी । जब तक निर्णय नहीं होता, तब तक बहाली पर भी रोक लगा दी गई है।

उन्होंने कहा कि जो व्यवस्था ओबीसी आरक्षण के बाद से देश में नियुक्ति के संबंध में थी, सरकार उस पर अडिग है। ऐसे में इस विषय पर विपक्ष जनता को गुमराह करने का प्रयास न करे

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