होमवर्क ना करने की सजा, 14 छात्राओं से जड़वाए 168 थप्पड़

स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड देने की मनाही की काट स्कूल प्रबंधन ने ऐसी निकाली कि रूह कांप जाए। होमवर्क न करने की सजा के रूप में शिक्षक कक्षा की 14 छात्राओं से छह दिन तक दो-दो थप्पड़ लगवाते रहे। कुल 168 थप्पड़ खाने के बाद दहशत में छात्रा ने अपने पिता को इसकी जानकारी दी। स्कूल प्रबंधन से शिकायत करने पहुंचे पिता को इसे सामान्य ‘फ्रेंडली’ सजा बताया गया।

मामला मध्य प्रदेश स्थिति झाबुआ के जवाहर नवोदय विद्यालय थांदला का है। इस स्कूल की छठी की छात्रा को होमवर्क न करने पर शिक्षक ने उसी की कक्षा की 14 छात्राओं से दो-दो थप्पड़ लगवाए। यह सिलसिला लगातार छह दिन तक चलता रहा।

छात्रा के पिता शिव प्रताप सिंह ने इस बात की प्राचार्य के. सागर से लिखित शिकायत की है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों छात्रा बीमार हो गई थी। शासकीय अस्पताल में कराए गए उसके इलाज की पर्चियां भी उनके पास हैं। स्वस्थ होने पर 10 जनवरी को अनुष्का की मां उसे स्कूल छोड़ने गई। स्कूल में विज्ञान के शिक्षक ने होमवर्क पूरा न होने पर उक्त सजा सुना दी। उनके कहने पर कक्षा की 14 बालिकाओं ने 11 जनवरी से प्रतिदिन दो-दो थप्पड़ लगाने शुरू किए। यह सजा 16 जनवरी तक चली। स्कूल में इस मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से छात्रा दहशत में है।

सामान्य मामला बता रहे प्राचार्य

जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के.सागर प्रताड़ना की बात से इन्कार कर मामले को सामान्य बता रहे हैं। उनका कहना था कि नियमों के तहत अध्यापक बच्चों को सजा नहीं दे सकते, इसलिए जिस विद्यार्थी से गलती हुई है, उसके साथी विद्यार्थी ही उसे थप्पड़ लगाकर सजा दे रहे हैं। इस व्यवस्था को फ्रेंडली सजा माना जाता है।

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