सुनो कहानी मध्यांचल विधुत वितरण निगम की, जहा अंधेर नगरी चौपट राजा अनुभव हीन बड़ेबाबू (ias) लुटा रहे है सरकारी खजाना

लखनऊ।NKB:- जनवरी लो भाई अब बजा भ्रष्टाचार का धण्टा उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मे करोड़ो उपभोक्ताओं से सीधे जुड़े इस विभाग के ऊपर दोनो हाथो से विद्युतीकरण की योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर प्रदेश एवं केन्द्रीय सरकारो द्वारा दिए गये अनुदान के बावजूद लगातार घाटे की मार झेलते मध्यांचल विद्युत वितरण निगम का भार अनुभवहीन बड़का बाबु यानी की भारतीय प्रशासनिक सेवा के अनुभव हीन सदस्यो की गलत नीति व कार्यशैली के कारण घाट उठाने को मजबूर दिखाई दे रहा है अब हालाते मध्यांचल मुख्यालय मे बैठे बड़का बाबू जी के कमरे के बाहर उन्ही के मुख्यालय मे उनके कुछ तथाकथित सिपहसालार बड़का बाबू के पूरे सिस्टम पर हावी होते नजर आ रहे है नतीजा यह है कि मध्यांचल के पूरे कार्यक्षेत्र मे इनके मातहत शासन द्वारा निर्देशित CVC की गाईड लाइन को भुलाकर एवं उत्तरप्रदेश शासन की आँख मे धूल झोकर मनमाने ढंग से अपना साम्राज्य चलरहे है और जमकर चादी काटी जा रही है और कटवाई भी जा रही है पर मध्यांचल की बागडोर की कमान का जिम्मा लिये बड़का बाबू श्रीमान संजय गोयल जी पूरी तरह विभाग की अराजकता करने वाले अधिकारियों की कार्यशैली से बे खबर बे परवाह दिखई देते नजर आ रहे है एक संजय वो थे जो राज महल मे ही बैठ महाभारत के युद्ध का आँखो देखा हाल महाराज धृतराष्ट्र को सुनाते थे और एक यह जनाब है जिनको इनके राज्य के रत्नो यानी भ्रष्ट अधिकारियो व बाबूओ के बारे मे मिल कर सक्ष्य उपलब्ध कराने के बावजूद भी कार्रवाई ना करने की कसम खाये लगते है बलात्कार व रिश्वत खोरी के आरोपियो को इनका खुला संरक्षण प्राप्त है और तो और करोडो के टेण्डरो की जिम्मेदारी जिनके ऊपर डाली जाती है क्या बड़का बाबू ने उनेके द्वारा किये गये महानतम कामो अकलन किया है शायद नही या कभी उनका चरित्र को भी जानने की जहमत उठाई है ?

बाबू जी के मातहत 2 -2 लाख के काम के लिए 30-30 लाख का जिला अधिकारी द्वारा निर्गत हैसियत प्रमाण पत्र मागते है केन्द्रीय सतर्कता आयोग की गाइडलाइंस का खुला मजाक उड़ाया जा रहा है और यहा बडका बाबू को ना तो कुछ दिखाई दे रहा है ना ही सुनाई दे रहा है महीनो से एक महिला कर्मचारी अपने साथ हुए बलात्कार व विभागीय कर्मचारी द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत करने के बावजूद और उस मामले को एक अधीक्षण अभियता द्वारा एक लाख रुपए की मलाई चाटकर मामले को दबाये जाने की लिखित शिकायत होने के बावजूद भी आखो मे तेल व कानो पर चादी का ढक्कन लगा कर सोए हुए है

बात यही तक नही खत्म नही होती है एक अभियन्ता महोदय ने तो अपने बैक एकाऊट मे ठेकेदार से अपने ऐकउट मे रूपये जमा कर मलाई मारी है और उनके सहयोगी द्वारा हिस्सा ना मिलने पर गुर्राये जाने पर उसका हिस्सा दिया जाता है और एक अभियन्ता ने तो एक विशेष कम्पनी को फायदा पहुचाने के लिए एक बड़े टेन्ड़र मे ऐसी शर्त लिखी कि उसे कोई और कम्पनी पूरा ही नही करती है ऐसे ऐसे अनुभव की मांग व शर्ते टेन्ड़र मे ड़ाल रहे है

कि दूसरा उन्हे पूरा ही न कर पाये उनके खास के अलावा अन्य कार्यदायी संस्थाओं को अपाहिज बनाने का काम जोरो पर है जिसे ले कर लगातार विभाग मे काम करने वाली छोटी व नयी कार्यदायी कम्पनियो के मालिकों मे आक्रोश व्याप्त है इतना ही नही अपनी पुरानी पोस्टिग के दौरान कृपापात्र रही कम्पनियो को दूसरे शहर से बुलाकर पर्सेंटेज तय कर निविदाऐ ड़लवाई जा रही है और तो और डिस्कॉम के मुखिया अपने तथाकथित सिपासलरो की घोटालो वाली सलाह और कोयल जैसी मीठी बोली पर कुर्बान है पर अपने विभाग पर कोयले जैसी काली नियत रखने वाले सिपहसालारो एवं लोमड़ी जैसी चाल चलने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की कारगुजारी से पूरी तरह खबरदार हो कर बे खबर दिखाई दे रहे है और इनके साथी कुबेरजी के मन्दिर की पूजा मे मशगूल दिखाई दे रहे हैं और गोयल जी के राज्य मे भ्रष्टाचार का घण्टा भ्रष्टाचारीयो द्वारा खूब जोर से बजाया जा रहा है और इनके भ्रष्टाचारी रत्न मलाई काट कर मजे ले रहे और सजा निर्दोषो को देने की साजिशे हो रही है ।

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