लोकसभा चुनाव 2019: एक विकेट और गिरा तो काफी बड़ी मुश्किल में फंस सकती है ‘आप’

विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक बीस सीटों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनने वाली आम आदमी पार्टी से यह खिताब छिनने की नौबत आ गई है। अगर एक विधायक और गया तो आप के हाथ से नेता प्रतिपक्ष का पद जा सकता है। हालांकि अंतिम निर्णय लेने का अधिकार स्पीकर के पास ही होगा। पहले एचएस फूलका ने विधानसभा सदस्यता और फिर पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दिया। फिर सुखपाल खैरा और अब मास्टर बलदेव ने पार्टी से इस्तीफा दिया। स्पीकर ने अभी तक फूलका का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।

खैरा और बलदेव ने अपने इस्तीफे स्पीकर को नहीं भेजे हैं। इस तरह अभी तक आप के विधायकों की संख्या बीस ही है। लेकिन अगर इन तीनों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो यह 17 रह जाएंगे। अकाली-भाजपा गठबंधन के भी 17 विधायक हैं। उधर, आप के बागी खैरा गुट के पास पांच विधायक और हैं। अगर इनमें से एक भी इस्तीफा दे देता है तो आप के 16 विधायक रह जाएंगे। उस स्थिति में नेता प्रतिपक्ष पद संकट में पड़ सकता है। विधानसभा की सचिव शशि मिश्रा लखनपाल ने कहा कि खैरा और बलदेव ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है।

सिर्फ मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। जब तक उनके पास लिखित में कुछ नहीं होता। इस मामले में कोई भी शिकायत कर सकता है, उस पर वह विचार करने के बाद कार्रवाई करेंगे। अगर आप का एक और विधायक कम होता है तो भी दोनों पहलू हैं। सबसे बड़े दल की मिसाल है। लेकिन चुनाव पूर्व पुरानी पार्टियों के गठबंधन को तरजीह देने का भी प्रावधान है। उस स्थिति में स्पीकर ही सारे पहलू देखने के बाद अंतिम फैसला लेंगे। वहीं, सूत्र बताते हैं कि सत्ताधारी कांग्रेस नहीं चाहती कि अभी इस मामले में कार्रवाई हो। कांग्रेस यह भी नहीं चाहेगी कि एलओपी का पद अकाली दल केपास आ जाए। इसलिए यह मामला अभी लटक सकता है।

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