जनता के बीच हीरो हैं ये जिलाधिकारी, अपने वेतन से 77 बच्चों को बांटे ट्रैक सूट

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वजह ये है कि जिलाधिकारी को हर उस जगह सक्रिय देखा जा सकता है, जहां लोगों की प्रशासन से उम्मीद होती है। कभी वे शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में पढ़ाते हुए मिल जाते हैं तो कभी पोषणाहार की गुणवत्ता जांचने के लिए बच्चों संग जमीन पर बैठ भोजन करते हुए। समाज सेवा के इस कार्य में उनकी धर्मपत्नी ऊषा भी पीछे नहीं रहती हैं। इसबार जिलाधिकारी ने  अपने वेतन से बच्चों को ट्रैक सूट दिए। 

जिले में ठंड का बढ़ता प्रकोप देख डीएम मंगेश घिल्डियाल ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय धारकोट, कुरझण और राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरझण के 77 छात्र-छात्राओं को अपनी व्यक्तिगत धनराशि से ट्रैक सूट वितरित किए। साथ ही छात्र-छात्राओं को गणित में गुणनखंड, लघुत्तम समापवर्तक, महत्तम का पाठ भी पढ़ाया। ये पहली बार नहीं था जब जिलाधिकारी बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आए। 

विद्यालयों का किया निरीक्षण 

जिलाधिकारी चोपड़ा क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में पहुंचे। जहां जिला योजना 2016-17 में नौ लाख की लागत से(राजकीय सिंचाई की ग्राम सभा कुरझण के शिवालय के समीप डांग नामी तोक की) स्वीकृत कुरझण नहर का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने मेन टैंक के निर्माण की पत्रावलियों का भी निरीक्षण किया। 

विभाग द्वारा निर्मित नहर के कार्यों में गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई, टैंक के चारों तरफ क्रॉसिंग बोर्ड नहीं लगे हुए थे। सिंचाई विभाग की इस योजना का लाभ उद्यान और कृषि विभाग को मिल सके, इस संबंध में जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सिंचाई को संबंधित विभागों से पत्राचार करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता सिंचाई पीएस बिष्ट, एई जीएस मलेठा, शिक्षक सविता शैली, प्रभावती सजवाण, महादेव प्रसाद, जेई व ग्रामीण उपस्थित थे। 

निरीक्षण करते हुए पढ़ाने लगते हैं जिलाधिकारी 

पहली बार नहीं है कि जब जिलाधिकारी को बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को जानते हुए देखा गया है। एकबार जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल गोद लिए प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय सतेराखाल का निरीक्षण करने पहुंचे। बच्चों के बीच पहुंचते ही उन्होंने छात्रों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को प्रेरित करने का भी काम किया। 

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