देश के ये 12 मंदिर साबित करते हैं कि Sex को लेकर हमारे पूर्वज कितने सहज थे

आज हम आप के लिए कुछ ऐसे पोस्ट लाये है जिसे पडने के बाद आप को को भी आप को भी बकुल भी यकीं नहीं होंगे, तो हम आप को बता दे की आप तो ये जानते ही है की सेक्स, करते सब हैं पर भारतीय बात करने में ऐसे हिचकिचाते हैं, मानो ये कोई बीमारी हो..हिन्दू धर्म में सेक्स यानी ‘काम’ के भी देवता हैं. फिर भी सेक्स के साथ ‘छी’ वाली भावना लगी हुई है.ये भी जानकारी के लिए बता दे की आप सेक्स पर बात करें या न करें, लेकिन हमारे पूर्वज सेक्स के मामले में काफ़ी खुले विचारों वाले थे. सबूत है खजुराहो के मंदिर. तो चलिए हम आप को उन तस्वीरों को आप को दिखते है.

1) सूर्य मंदिर, कोणार्क, ओडिशा

जानकारी के लिए बता दे की कोणार्क का सूर्य मंदिर. मान्यता है कि इसका निर्माण कृष्ण के पुत्र सांबा ने करवाया था. कोणार्क मंदिर में बनाई गई कामुक मू्र्तियों की बारीकियां आश्चर्यचकित करने वाली हैं.जो की इन तस्वीरों को देखकर आप भी हैरान हो जायेंगे

2) जगदीश मंदिर, उदयपुर, राजस्थान

आप को बता दे की ये तस्वीर जगदीश मंदिर, उदयपुर, राजस्थान की है आप को बता दे की उदयपुर स्थित इस मंदिर को 1651 मे बनवाया गया था. विष्णु देव को समर्पित ये मंदिर काले पत्थर और अन्य धातुओं से बनाया गया है.

3) राजा रानी मंदिर, भुवनेश्वर, ओडिशा

ये हिन्दू मंदिर इंद्रेश्वर के नाम से जाना जाता था बता दे की यह के निवासी इस मंदिर को ‘प्रेम का मंदिर’ कहते हैं. ये ‘पंचरथ’ शैली में बनाया गया है.इसमें देवी-देवताओं, रोज़मर्रा के काम-काज के अलावा इस मंदिर की दीवारों पर कामुक मूर्तियां भी बनाई गई हैं.

4) खजुराहो के मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

बता दे की ये मंदिर चंदेल वंश के राजाओं ने मिलकर बनवाया था. यहां 85 मंदिर थे, जिनमें से अब सिर्फ़ 20 ही बचे हैं. खजुराहो के मंदिरों की बाहरी दीवारों की कामुक मूर्तियां विश्वप्रसिद्ध हैं और यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की लिस्ट में शामिल हैं. और काफी ज्यादा फेमस भी है.ये खजुराओ का मंदिर .

5) लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर, ओडिशा

जानकारी के लिए आप लोगो बता दे की ये लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर, ओडिशा में स्थित है और ये मंदिर भगवान हरिहर को समर्पित है भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर, ‘लिंग के राजा’. इसे ललाटेडुकेश्वरी ने 617-657 ईं के बीच बनवाया था. और इस मंदिर के दीवारों पर कई सारे रहश्य भी शामिल है.

6) मारकंडेश्वर मंदिर, गढ़चिरौली, महाराष्ट्र

कहा जाता है कि दानवों ने इस मंदिर का निर्माण सिर्फ़ एक रात में किया था. यही कारण है कि इस मंदिर के बाहर कामुक मूर्तियां बनी हैं. महाशिवरात्रि के दिन यहां भव्य मेला लगता है.

7) वीरुपक्ष मंदिर, हम्पी, कर्नाटक

ये आप को बता दे की ये बेंगलुरू से 350 किलोमीटर की दूरी पर है हम्पी वीरुपक्ष (शिव के ही एक रूप) को समर्पति है. इस मंदिर को विजयनगर साम्राज्य के देव राजा 2 के एक सरदार, लक्कन डंडेशा ने बनवाया था. इस मंदिर में आज भी पूजा होती है.लेकिन ये भी बता दे की इन दीवारों पर भी कामसूत्र मूर्ति भी बानी है .

8) भोरमदेव मंदिर, कबीरधाम, छत्तीसगढ़

जानकारी के लिए बता दे की इस मंदिर का निर्माण 1100 ई. में करवाया गया था. पर कुल 4 मंदिर हैं. इतिहासकारों के अनुसार इस मंदिर के बाहर और अंदर मिथून और कामसूत्र किताब के दृश्य बनवाए गए हैं. कहा जाता है कि जिस राजा ने इसे बनवाया था, वो तंत्र साधना भी करता था.

9) रणकपुर जैन मंदिर, पाली, राजस्थान

जानकारी के लिए बता दे की ये तीर्थांकर आदिनाथ को समर्पित, ये जैन मंदिर राजस्थान के पाली ज़िले में है. ये भी बता दे की धर्म शाह ने बनवाया था. संगमरमर से बने इस मंदिर में 1400 स्तंभ हैं. यहां कई कामोत्तेजक मूर्तियां हैं.जिसे देख कर आप भी हैरान हो जायेंगे

10) सूर्य मंदिर, मोढेरा, गुजरात

जानकारी के लिए बता दे की सूर्य मंदिर, मोढेरा, गुजरात में है भीमदेव ने इस मंदिर बनवाया था. बता दे कि विषुव के समय सूर्य की सबसे पहली किरण इन सूर्यों पर पड़ती है. इस दिलचस्प बनावट के अलावा यहां कामसूत्र की मूर्ति भी बनाई गई हैं.

11) नंदा देवी मंदिर, अल्मोड़ा, उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में लगभग हज़ार साल पुराना देवी नंदा का मंदिर है. इस मंदिर में भी कुछ कामुक मूर्तियां उकेरी गई हैं. 12 साल में एक बार यहां नंदा देवी एक यात्रा निकाली जाती है.

12) त्रिपूरंटकेश्वर मंदिर, शिवमोग्गा, कर्नाटक

आप लोगो जानकारी के लिए ये बता दे की इस मंदिर को 1070 ई. के आस-पास बनवाया गया है. इस मंदिर की खिड़कियों पर बेहद ख़ूबसूरत कारीगरी की गई है. शिव, ब्रह्मा, विष्णु की मूर्तियों के अलावा यहां भी कामसूत्र किताब के कुछ रहश्य भी हैं.

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