अप्रैल 2003 बांग्लादेश के खिलाफ ढाका वन-डे में अपना इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले गौतम गंभीर ने आखिरकार क्रिकेट को अलविदा कह ही दिया। नवंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट में आखिरी बार नजर आने वाले गंभीर दो साल से भी ज्यादा समय से टेस्ट टीम से बाहर थे।
आखिरी वन-डे जनवरी 2013 यानी पांच साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला में खेला था तो पिछले छह साल से टी-20 टीम से बाहर थे। डोमेस्टिक क्रिकेट में युवा खिलाड़ियों का जबरदस्त प्रदर्शन और खुद के खेल में निरंतरता की कमी इस खब्बू बल्लेबाज को भारतीय टीम से दूर करती गई।
किसी जमाने में वीरेंद्र सहवाग के साथ मिलकर ओपनिंग का जिम्मा संभालने वाले दिल्ली के गौतम गंभीर ने मंगलवार देर शाम फैंस को मायूस कर दिया। विश्व कप 2019 से चंद महीने पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का एलान किया।
भारतीय टीम को कई गौरवशाली लम्हें देने वाले गौतम एक आक्रामक खब्बू बल्लेबाज थे। आइए एक नजर उनके करियर से जुड़ी 10 अहम बातों या रिकॉर्ड्स पर भी की जाए। जिसके आधार पर ही आने वाले पीढ़ी इस 37 वर्षीय खिलाड़ी को याद रखेगी।
आईसीसी का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज: गंभीर को दो विश्व कप फाइनल में यादगार पारियां खेलने का गौरव है। वह उस भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे जो टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन थी। सबसे ज्यादा गर्व उन्हें 2009 में आईसीसी का वर्ष का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज बनने पर हुआ। यह ट्रॉफी देखकर वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
आईपीएल में खराब प्रदर्शन के बाद फैसला: वह कहते हैं कि 2016 में राजकोट टेस्ट (पहली पारी 29 रन, दूसरी शून्य) के बाद टीम से हटाए जाने के बाद उन्होंने वापसी के लिए खुद को समझाने की कोशिश की।
उस वक्त भी उनके दिमाग में आया था कि क्या क्रिकेट छोड़ने का समय आ गया है। 2017 में अच्छे घरेलू सत्र के बाद दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए आईपीएल में खराब प्रदर्शन ने उन्हें सबसे ज्यादा सोचने के लिए मजबूर किया।
उम्मीद विराट की टीम पीछे छोड़ेगी ऑस्ट्रेलिया में उनकी सफलताएं: गंभीर ने उम्मीद जताई है कि विराट कोहली की टीम ऑस्ट्रेलिया में उनकी टीम की अर्जित की गई सफलताओं को पीछे छोड़ेगी। गंभीर याद करते हैं कि उनकी टीम ने न्यूजीलैंड में ऐतिहासिक सीरीज जीती और ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज जीती।
रिचर्ड्स की बराबरी: गौतम ने 2008 से 2010 में लगातार 11 टेस्ट मैचों में एक अर्द्धशतकीय पारी जरूरी खेली। उन्होंने इस मामले में विंडीज के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स की बराबरी की जिन्होंने 1976-77 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
जीते दो विश्व कप: गौतम ने दो विश्व कप खिताब जीते हैं और दोंनों की जीत में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। 2007 टी-20 विश्व कप में गंभीर सबसे ज्यादा रन बनाए थे। फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी 54 गेंदों पर खेली गई 75 रन की पारी के दम पर टीम इंडिया चैंपियन बनीं थी।
2011 में हुए वनडे विश्व कप के फाइनल में भी दिल्ली के इस बल्लेबाज ने 97 रन की पारी खेली और भारत चैंपियन बना। दोनों ही फाइनल में गौतम का स्कोर किसी भारतीय क्रिकेटर को सर्वोच्च स्कोर था।
2009 रहा यादगार: 2008 तक गंभीर क्रिकेट के हर प्रारूप में टीम का हिस्सा बन गए थे। उनके 2009 यादगार साल रहा। इसी साल गंभीर अपने पहले विदेश दौरे पर न्यूजीलैंड गए। भारत ने 41 साल बाद मेजबान टीम को उसी की सरजमीं पर हराकर सीरीज जीती थी। इस जीत में गंभीर हीरो रहे थे।
उन्होंने टेस्ट सीरीज में 445 रन बनाए थे। इसी साल वह आईसीसी के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर भी बने थे और आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे थे। गंभीर ने अपना आखिरी टेस्ट नवंबर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। सीमित ओवर क्रिकेट में आखिरी बार जनवरी 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और दिसंबर 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 खेला था।
अपनी कप्तानी में जिताई थी सीरीज: न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में घरेलू वनडे सीरीज के लिए गंभीर को टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई थी। भारत ने यह सीरीज 5-0 से जीती थी। उन्होंने कोलकाता में चौथे मैच में नाबाद 150 रन की पारी खेली थी। उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।
जड़े थे लगातार पांच टेस्ट शतक: गौतम ने 2009 में टेस्ट क्रिकेट में लगातार पांच शतक जड़े थे। इसके अलावा गंभीर ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने 300 से भी ज्यादा रन चार टेस्ट मैच में बनाए थे।
छोड़ी रणजी की कप्तानी: गंभीर ने इसी माह युवा खिलाड़ियों को मौका देने की बात कहकर दिल्ली रणजी टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि अब समय आ गया है कि युवा खिलाड़ियों को ये जिम्मेदारी सौंप दी जाए। इसलिए मैं दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) से आग्रह करता हूं कि वे इस रोल के लिए मेरा चयन ना करें। मैं पीछे रहकर नए कप्तान का मार्गदर्शन करूंगा।
केकेआर को दो बार बनाया चैंपियन: आईपीएल के पहले सत्र में गंभीर ने दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए 534 रन बनाए थे। वह पहले सत्र में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। शुरुआती दो सत्र में गंभीर ने 1000 रन बना लिए थे।
2010 में शाहरुख खान की फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) ने उन्हें अपने साथ जोड़कर टीम की कमान सौंप दी। उनकी कप्तानी में केकेआर 2012 और 2014 में चैंपियन बना। गंभीर 2017 में केकेआर को छोड़कर फिर डेयरडेविल्स से जुड़कर कप्तान बन गए। शुरुआती मैचों के बाद पहले उन्होंने कप्तानी छोड़ी फिर अपनी जगह भी छोड़ दी।